भिंड। ग्वालियर-इटावा नेशनल हाइवे पर चंबल पुल पर से भारी वाहनों का निकलना तो बंद रहेगा ही, जरूरत पड़ने पर छोटे वाहनों को भी यहां से निकालना बंद किया जा सकता है। अधिकारियों के मुताबिक पुल को मरम्मत की तुरंत दरकार है. गुरुवार को बारिश के कारण मरम्मत का काम शुरू नहीं हो किया जा सका। जानकारी के अनुसार मरम्मत का काम कर रही कंपनी ने 4 माह का समय मांगा हालांकि प्रशासन ने फिलहाल महज 2 माह का समय दिया है। इस बड़े पुल से रोक से दो राज्यों यूपी और एमपी के बीच आवागमन पर खासा असर हुआ है.
चंबल का यह पुल 1976 में बनकर तैयार हुआ था. इस पुल को बनाने वाले इंजीनियरों ने 20 से 25 टन वजनी वाहन के हिसाब से इसका डिजायन तैयार किया था, लेकिन इस पुल से वर्तमान में क्षमता से कई गुना ज्यादा भारी वाहन निकल रहे हैं। इसके अलावा रेत के ओवरलोड वाहनों से भी पुल को खासा नुकसान पहुंचा है। पुल के दोनों ओर की सड़क के स्लैब धंस चुके हैं। दोनों साइड भी पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। इस वजह से यूपी के लोकनिर्माण सेतु विभाग ने पुल की मरम्मत की जरूरत जताई थी।
इटावा कलेक्टर अवनीश राय ने 27 जून को पुल से रेत-गिट्टी के अलावा अन्य भारी वाहनों के निकलने पर अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने बताया है कि मरम्मत के दौरान जरूरत के हिसाब से छोटे वाहनों को भी बंद कराया जा सकता है। चंबल पुल पर मेंटेनेंस के अलावा पिलर के बेयरिंग की ग्रीसिंग भी की जाएगी। जिन स्लैबों में दरार आ रही हैं उन्हें भी भरा जाएगा। यहां के छोटे-छोटे गड्ढों को बंद करने के लिए प्लेट डालने के बाद उनकी रिपयेरिंग भी की जाएगी। इसके बाद पुल की सड़क पर नई लेयर भी डाली जाएगी।
भिंड से फूफ बरही से चंबल पुल से होकर इटावा की दूरी महज 35 किमी है। पुल पर भारी वाहन प्रतिबंधित हो जाने से भिंड से इटावा जाने वाले सभी वाहन फूफ से भदाकुर रोड होकर चकरनगर तक पहुंच पा रहे हैं। यहां से वाहन उदी चौराहा होकर वाहन इटावा पहुंच रहे हैं। भिंड से इटावा के इस वैकल्पिक मार्ग की दूरी पूरे 75 किमी है। इस तरह से अब भिंड से इटावा जाने में 40 किमी का फेर बढ़ गया है।