101 ईयर Formula : आओ चलें लॉन्ग लाइफ की ओर...The secret to living to 100?


स्टोरी हाइलाइट्स

The secret to living:चिरायु, चिरयौवन या  सौ साल से ज्यादा  जीना और वह भी स्वस्थ रहकर, असंभव नहीं है। जब हाथी 100 साल, सांप 1000 साल...The secret to living

101 ईयर Formula : आओ चलें लॉन्ग लाइफ की ओर...The secret to living to 100?

लम्बा जीना आसान ....

चिरायु, चिरयौवन या  सौ साल से ज्यादा  जीना और वह भी स्वस्थ रहकर, असंभव नहीं है। जब हाथी 100 साल, सांप 1000 साल, चील 250 साल, कछुआ आदि 200 से ज्यादा  साल जी लेते हैं तो फिर मानव क्यों नहीं? हिमालय की कंदराओं में आज भी ऐसे योगी साधनारत हैं जिनकी ऐज का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। बाबा देवरहा की ऐज 350 साल की आंकी गई है।



धुको मेहतो चौकीदार 130 साल, हुगली जिले के पाडा ग्राम की तिनकोरी नामक महिला 125 साल, कानपुर के अनवर गंज निवासी मौलाना बहादुर अलीशाह 151 साल, मालेगांव जहांगीर के इमाम अलीशाह 178 साल, होशंगाबाद के धन्ना लाल 115 साल, अमृतसर के आयला गांव के एक किसान की ऐज 120 साल थी। उत्तर प्रदेश मुजफ्फरनगर के स्वामी कल्याण देव की ऐज 128 साल थी। 

चिर यौवन बना रहे, सुख भोगा जाता रहे, इस दृष्टि से महाराजा ययाति ने अपने पुत्र को बुढ़ापा सौंपकर उनके यौवन द्वारा संसार का सुख भोगा। विश्व भर के दीर्घ जीवियों के अनुभव हमें कुछ रहस्य बताते हैं। अमेरिका के एक डॉक्टर ने 100 दीर्घजीवियों का सार इस प्रकार बताया चिंता पास न फटकने दें। शाकाहारी बनें और कम खाएं। फल व अंकुरित अन्न लें चर्बीदार पदार्थों से बचें। काम, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष, घृणा JAISE विकारों से दूर रहें।



126 सालीय ईरानी सज्जन का मत है 'चिंता शून्य रहना ही दीर्घ लाइफ का रहस्य है'। भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को लॉन्ग life  के बारे में जो बताया वह इस प्रकार है-सदाचार, क्रोध व हिंसा न करना, सत्य का पालन करना, ब्रह्म मुहूर्त में उठना, प्रभु की उपासना करना, माता- पिता व आचार्य में श्रद्धा रखना, संयमपूर्वक रहना, निन्दा न करना, अपशब्द न कहना, व्यर्थ विवाद न करना, उपवास व स्वच्छता को . महत्व देना, दो मुख्य भोजनों के बीच कुछ न खाना, सदा गतिशील (सक्रिय) रहना, पुरुषार्थ करना, अपनी शक्ति बढ़ाना, सत्संग करना।

इसके अलावा इन निषेधों से बचना - जूठन खाना, दूसरों के वस्त्र व जूते पहनना, परस्त्री संग करना, आलस्य, व्यभिचार आदि ।

योग वशिष्ठ में काक भुशुण्डी ने महर्षि वशिष्ठ को दीर्घ लाइफ तक स्वस्थ व युवा रहने के अपने अनुभव इस प्रकार बताए 'मैं सदा उत्तम भाव में स्थित रहता हूं। मनोरथों के पीछे शक्ति का अनुचित प्रयोग नहीं करता। अकारण चिंता या दुःख में नहीं पड़ता, बुढ़ापे व मौत के डर से मुक्त रहता हूं। हर्ष- शोक, सुख-दुःख के द्वन्दों से विचलित नहीं होता। सबका सम्मान करता हूं। मोह और प्रमाद से दूर रहता हूं। दूसरों से दुःख पाने से दुःखी नहीं होता, निर्धन होने पर भी लो नहीं करता, बीती बातों को लेकर शोक नहीं करता। दूसरों को सुखी देखकर सुखी व दुःखी देखकर करुणा से भर जाता हूं। प्राणी मात्र का सहायक व मित्र हूं। विपत्ति में धैर्य व सरल व्यवहार अपनाता हूं।



इटली के लुइयों ने अपने दीर्घ लाइफ के अनुभव इस प्रकार बताए 'मैं भरपेट नहीं खाता अति सर्दी-गर्मी से अपने को बचाता हूं। अपने आप को थकने नहीं देता। नींद खराब करने वाला कोई काम नहीं करता। हवादार मकान में रहता हूं।' 169 सालीय ब्रिटेन के हेनरी जेनकिस ने कच्ची प्याज का सेवन अपनी लॉन्ग life  का रहस्य बताया।

डॉ. राधाकृष्ण ने चिर यौवन का रहस्य हंसमुख व सरल स्वभाव और प्रकृति के अनुरूप आहार-विहार लेना बताया है। डॉ. एच. डब्ल्यू डेंगार्ड ने दीर्घ लाइफ पाने के लिए समय पर उठना, समय से पूर्व ही काम निपटाना, संयमित आहार-विहार करना, रात में निश्चित होकर सोना, प्रसन्न व सक्रिय रहना आदि को सहायक बताया है।

भारत के सुप्रसिद्ध इंजीनियर श्री विश्वेश्वरैया ने अपने 100वें जन्म दिवस पर लॉन्ग life  का रहस्य पूछने पर बताया कि- 'नियत समय पर भोजन, थोड़ी खुराक, खूब भूख लगने पर खाना, 6-8 घंटे सोना, तीन-चार मील (5-7 कि.मी.) तेजी से पैदल चलना, आठ घंटे श्रम करना, विलासिता से दूर रहना' ये दीर्घ लाइफ के नियम हैं। इनसे भी ज्यादा  आवश्यक है कि मनुष्य प्रसन्नचित्त रहे, चिंता, क्रोध, उद्वेग और उत्तेजना से बचे, साथ ही मन को पवित्र, निष्कपट व शांत संतुलित रखे।

दीर्घ लाइफ बनाए रखने के लिए शक्तिशाली बनना चाहिए। इसके लिए निम्नलिखित प्रयोग शक्तिवान, वीर्यवान बनाने में मददगार सिद्ध होंगे। किसी एक नुस्खे को प्रयोग में लाएं।

यथा एक कप दूध में एक चम्मच बादाम रोगन डालकर पिएं अथवा एक गिलास मौसमी के रस में एक चम्मच बादाम रोगन मिलाकर पिएं। 

उड़द के लड्डू खाएं। गुड़ व तुलसी के बीज मिलाकर दूध से लें।

शुद्ध शहद मे पिस्ता पीसकर प्रातः खाएं। दालचीनी पीसकर प्रातः - सायं गर्म दूध से सेवन करें। तरबूज के बीज मासा मिश्री 6 भाशा नित्य फांकें। घूंट घूंट कर दूध पिएं।
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