बीस बरस पहले गलती से पाकिस्तान पहुंच गईं गीता ( Geeta ) एक बार फिर चर्चाओं में हैं। 20 साल पहले गीता महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रहती थी। वह औरंगाबाद से सीधी भोपाल आने वाली ट्रेन से गलती से परभणी स्टेशन से अमृतसर और फिर दूसरी ट्रेन से लाहौर पहुंच गई थी। अब गीता उसी ट्रेन से 20 मई को वापस औरंगाबाद से भोपाल पहुंची हैं।
गीता ओपन स्कूल की 8वीं की परीक्षा देने भोपाल पहुंची हैं। मंगलवार को गीता पहला प्रश्न पत्र संस्कृत का हल करेंगी। 33 साल की गीता ने इंदौर के विशेष स्कूल में शिक्षा ली है।
गीता के लिए यह यात्रा परीक्षा से कहीं अधिक है। वह पहचान और परिवार पाने के बाद आत्मनिर्भर बनना चाहती है। एमपी स्टेट ओपन स्कूल के निदेशक प्रभात राज तिवारी ने बताया, गीता का आवेदन मिला था। विशेष मामले के रूप में स्वीकार किया गया।
गीता इंदौर के एक एनजीओ में कई साल रही। आनंद सर्विस सोसाइटी के ज्ञानेंद्र- मोनिका पुरोहित उसके माता- पिता को ढूंढ़ते रहे। कोरोनाकाल में पता चला वह महाराष्ट्र की रहने वाली है। उन्होंने फिर गीता को उनके परिवार से मिलवाया था। गीता अभी महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर ज़िले में रहती हैं।