मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से रिकॉर्ड वोटों से जीत गए हैं। विदिशा से उम्मीदवार के नामांकन के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही हैं कि केंद्र में एनडीए सरकार बनने पर पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। माना जा रहा है कि चौहान को बड़ा मंत्रालय मिल सकता है। इस बीच कांग्रेस नेता शिवराज सिंह चौहान को प्रधानमंत्री बनाने की सिफ़ारिश कर रहे हैं।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और तेज तर्रार नेता सुप्रिया श्रीनेत लिखती हैं, TV पर नरेंद्र मोदी से ज़्यादा तो शिवराज सिंह चौहान छाए हुए हैं, जिस चैनल पर देखो वही नज़र आ रहे हैं। मोदी सिर्फ़ 1.5 लाख से चुनाव जीते हैं, शिवराज 8.21 लाख से जीते हैं। दिल्ली का मौसम बदल रहा है!
इसके जवाब में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने लिखा, सही सुप्रिया जी ; शिवराज जी एक परिपक्त राज नेता हैं। Has mastered the art of survival by dint of hard work.
मप्र असेंबली मे बीजेपी की जीत के कारण थे। सरकारी मशीनरी बीजेपी मय करने के author हैं। RSS के favourite हैं। एवं INC को असेंबली में 66 और लोक सभा में 0 करने के मुख्य किरदार हैं।
वहीं, उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट से इंडी अलायंस के उम्मीदवार डॉ. उदित राज ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शिवराज सिंह चौहान को प्रधानमंत्री बनाने की बात कही है।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ”देशहित में राहुल गांधी जी या खरगे जी को पीएम बनना चाहिए। अगर ऐसा नही हो पाता तो अखिलेश यादव या चंद्रबाबू नायडू या नीतीश कुमार को बनना चाहिए। बीजेपी का पीएम नही होना चाहिए और अगर होता भी है तो नितिन गड़करी या शिवराज सिंह चौहान बनें।“
बरगी विधायक संजय यादव ने लिखा- मेरी मध्य प्रदेश की जनता से अपील है कि एकजुट होकर अपना प्रधान मंत्री मांगे।शिवराज सिंह चौहान जी को ही भारत का नया प्रधान मंत्री बनाया जाए यदि इतने योगदान के बाद भी प्रधान मंत्री मध्य प्रदेश का नही बनता तो समझ लीजिए की यहां की जनता के मतदान की कोई अहमियत नहीं है। एमपी की जनता को उनके योगदान का फायदा मिलना चाहिए।
शिवराज सिंह चौहान को पीएम बनाए जाने की मांग कांग्रेस की अपनी किसी रणनीति के तहत ही होगी। खैर जो भी हो लेकिन शिवराज की लोकप्रियता और चुनाव में बड़े अंतर से जीत करने से ये तो साफ है, कि शिवराज सिंह चौहान का जलवा अभी भी बरकरार है। वे पीएम बनते हैं, या नहीं, लेकिन उनकी लोकप्रियता और जनता का उन पर विश्वास अभी भी वैसा ही बना हुआ है।