यशोदा लाल
अधर पे मुरली
बेजन्ती माल
जन्मोत्सव में
डूबते उतराते
चर अचर
माखन चोर
ह्रदय बसे मोरे
नंद किशोर
अब की बार
गिरधर गोपाल
लगा दो पार
कृष्ण जन्म के
आनंद में सराबोर
गोकुल वासी
यशोदा लाल
चारावे सब गैया
पार लगैया
बाल गोपाल
सुदामा सखा संग
करें धमाल
कंस संहारी
मथुरावासी तारे
बांकेबिहारी
भाव कलश
है तुम्हें समर्पित
यश ही यश
आभा चौधरी