कान्हा टाइगर रिजर्व में चट्टानों के बीच फंसकर बाघिन की मौत


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शव को बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा, साथ ही, शव के नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए भी भेजे गए..!!

मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से एक दुखद खबर आई है। मुंडी दादर बीट क्षेत्र में दो विशाल चट्टानों के बीच फंसकर एक बाघिन की दर्दनाक मौत हो गई। यह जानकारी बुधवार 25 जुलाई को फील्ड डायरेक्टर रवींद्र मणि त्रिपाठी ने दी।

उन्होंने बताया कि मंगलवार को लगभग 8 से 10 साल की एक बाघिन का शव दो चट्टानों के बीच फंसा हुआ मिला। शुरुआती जाँच में पता चला है कि बाघिन गलती से फंस गई और खुद को बाहर नहीं निकाल पाई, जिससे उसकी मौत हो गई।

वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शव को बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा, साथ ही, शव के नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए भी भेजे गए। 

फिलहाल, बाघिन की मौत का कारण प्राकृतिक आपदा माना जा रहा है, संभवतः भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण वह चट्टानों के बीच फंस गई। 

वन विभाग की एक टीम ने खोजी कुत्तों की मदद से घटनास्थल और आसपास के इलाके का निरीक्षण किया। सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई। कड़ी मशक्कत के बाद बाघिन के शव को बाहर निकाला गया और उसका पोस्टमॉर्टम किया गया। अधिकारियों ने पुष्टि की कि शरीर के सभी अंग सही सलामत पाए गए।

प्रोटोकॉल के अनुसार, किसी अन्य कारण या मानवीय हस्तक्षेप की संभावना को खारिज करने के लिए शव से फोरेंसिक जाँच के लिए नमूने लिए गए हैं।

यह इस साल कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत का छटवा मामला है, जिससे पार्क प्रबंधन और वन्यजीव प्रेमियों में चिंता बढ़ गई है।

जनवरी में 2 साल की मादा बाघिन, फरवरी में 13 साल की बाघिन, मार्च में 5 साल के नर बाघ, अप्रैल में 15 महीने की मादा बाघिन और 6 महीने के बाघ शावक की मौत हो गई।

इनमें से पाँच मौतें कान्हा टाइगर रिजर्व में हुईं, जबकि एक मौत पार्क के पास हुई।