भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े का छह दशकों से भी अधिक समय से आधार रहे प्रतिष्ठित रूसी लड़ाकू विमान MIG-21 को सेवानिवृत्त करने के लिए शुक्रवार 26 सितम्बर को चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर एक समारोह आयोजित किया जा गया। 23वीं स्क्वाड्रन के आखिरी MIG-21 विमान, जिसे "पैंथर्स" के नाम से जाना जाता है, चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर आयोजित एक समारोह में विदाई दी गई। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह स्क्वाड्रन की आखिरी उड़ान भरी, जिसे "बादल 3" कहा जाता है।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और बीएस धनोआ और वायुसेना के ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला भी मौजूद रहे। भारतीय वायुसेना की विशिष्ट स्काईडाइविंग टीम "आकाश गंगा" द्वारा एक शानदार प्रदर्शन किया गया, जो 8,000 फीट की ऊँचाई से स्काईडाइविंग करती नज़र आई। इसके बाद MIG-21 विमानों द्वारा एक शानदार फ्लाईपास्ट किया गया।
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने क्या कहा? चंडीगढ़ में आयोजित एक समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "लंबे समय से, MIG-21 ने अनगिनत वीरतापूर्ण कार्य देखे हैं। इसका योगदान किसी एक घटना या किसी एक युद्ध तक सीमित नहीं रहा है। 1971 के युद्ध से लेकर कारगिल संघर्ष तक, या बालाकोट हवाई हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, ऐसा कोई क्षण नहीं रहा जब MIG-21 ने हमारे सशस्त्र बलों को जबरदस्त ताकत न दी हो।"