बालाघाट दक्षिण में जब्त के ट्रैक्टर मालिकों से पैसा वसूलने वाला रेंजर निलंबित


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स्टोरी हाइलाइट्स

नित्यानंदम डीएफओ दक्षिण सामान्य बालाघाट द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर सीएफ गौरव चौधरी ने रेंजर विवेक सिंह बघेल को कदाचारण के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया..!!

भोपाल: दक्षिण बालाघाट डीएफओ अधर गुप्ता के हटते ही गड़बड़ियों की परते खुलने लगी हैं। इसी कड़ी में जब्त ट्रेक्टर मालिकों को गुमराह कर पैसा वसूलने का मामला प्रकाश में आया। इस पर सीएफ बालाघाट गौरव चौधरी तत्काल एक्शन में आए और लौंगूर रेंजर विवेक सिंह बघेल को निलंबित कर दिया। सूत्रों ने बताया कि रेंजर विवेक सिंह भोपाल कनेक्शन होने की बदौलत मनमानी और गड़बड़ी करता रहा और उसके खिलाफ अब तक कोई एक्शन नहीं किया गया।

विवेक सिंह के निलंबित आदेश के अनुसार 23 दिसंबर को डीएफओ दक्षिण सामान्य बालाघाट के पत्र में लेख किया गया है कि  21 सितम्बर 24 को रेंजर लौगूर के द्वारा  जैतपुरी बीट में में रेत का अवैध परिवहन करते हुए तीन टेक्टर क्रमांक MP50AA6081, MP50ZB6343 और MP50ZD8206 ट्राली सहित जप्त किए गए। जिनका वन अपराध 21 सितम्बर 24 को पंजीबद्ध किए गए। इन प्रकरणों में कार्यवाही करने के संबंध में विवेक सिंह बघेल रेंजर लौगुर द्वारा शासन हित में कोई कार्यवाही नहीं की गई और 6 माह तक प्रकरण अपने पास रखकर जानबुझकर विलम्ब किया। यही नहीं, रेंजर ने जप्त वाहन स्वामियों को गुमराह कर पैसा लिया गया।

डीएफओ की अनुशंसा पर हुए निलंबित

नित्यानंदम डीएफओ दक्षिण सामान्य बालाघाट द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर सीएफ गौरव चौधरी ने रेंजर विवेक सिंह बघेल को कदाचारण के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में बघेल का मुख्यालय उप वनमंडल कार्यालय बैहर उत्पादन, उत्तर उत्पादन वनमंडल बालाघाट रहेगा।  

नए डीएफओ की असली परीक्षा योगेश

दक्षिण बालाघाट में विवादित रहे डीएफओ अधर गुप्ता के हटने के बाद आईएफएस नित्यानंदम की पदस्थापना हुई है। नित्यानंदम के आने के बाद यह सवाल यक्ष प्रश्न बन गया है कि क्या डीएफओ वनरक्षक योगेश नामदेव के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। जबकि नामदेव के खिलाफ ज्ञान सिंह सैयाम वन समिति सदस्य ने सीएम हेल्पलाइन से लेकर पीसीसीएफ मुख्यालय भोपाल तक कई गंभीर शिकायत की है। नामदेव पर 10-15 सालों से कार्यालय में पदस्थ रहे। इस दौरान सप्लायर्स नेक्सेस से लेकर कथित मजदूर और चौकीदार भुगतान अपने परिचित व्यक्ति के खाते में ड्रा करने की शिकायत है। ट्रांसफर होने के बाद पूर्व डीएफओ अधर गुप्ता ने नामदेव का ट्रांसफर ऑफिस से हटाकर फील्ड में कर दिया। नए डीएफओ नित्यानंदम आने के बाद नामदेव की फिर बल्ले-बल्ले हो गई है, क्योंकि उसकी एप्रोच सीधे डीएफओ के किचिन केबिनेट तक है।