सीहोर के जताखेड़ा गांव से हैरान ही नहीं एक परेशान कर देने वाली ख़बर सामने आई है। सीहोर के एक प्राइवेट स्कूल पर बच्चों को परेशान करने का आरोप लगा है। पेरेंट्स की शिकायत के बाद यह बात सामने आई है कि होमवर्क पूरा न करने पर बच्चों से यूनिफॉर्म उतरवाकर काम करवाया जाता था।
इन आरोपों से लोकल हिंदू ऑर्गनाइजेशन नाराज हो गए, जिन्होंने स्कूल पर हल् बोल दिया और इसे बंद करने की मांग करते हुए हंगामा किया। शिकायत के बाद पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन हरकत में आए और स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ जांच की मांग की।
बता दें, कि सीहोर के पास जताखेड़ा गांव के एक प्राइवेट स्कूल में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स जमा हो गए हैं। बच्चों की फोटो और वीडियो सामने आए हैं, जिसमें कई स्टूडेंट्स कपड़े उतारे हुए दिख रहे हैं। इसके बाद, घरवालों ने स्कूल जाकर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर और पुलिस से भी शिकायत की।
बच्चों को बिना कपड़ों के क्लासरूम में घुमाने और खेत में ही उसी हालत में काम करवाने के आरोपों के बाद, हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने स्कूल में हंगामा किया। कार्यकर्ताओं ने परिवार वालों के साथ मिलकर स्कूल प्रिंसिपल और एक टीचर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन पर होमवर्क न करने पर ऐसी सज़ा देने का आरोप है।
एक सोशल एक्टिविस्ट का आरोप है, “हमें कई दिनों से स्कूल के बारे में शिकायतें मिल रही थीं। बच्चों से सज़ा के तौर पर खेत से पत्थर हटवाए जाते थे और उन्हें साफ करवाया जाता था। स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन को इस बारे में बार-बार चेतावनी दी गई थी। जब वे नहीं समझे, तो हमने स्कूल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें स्कूल बंद करने समेत सख्त कार्रवाई की मांग की गई।”
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और परिवार वालों के विरोध के बाद पुलिस और प्रशासन ने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की है। डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर संजय तोमर ने कहा, “सोशल मीडिया पर यह मामला सामने आने के बाद हम स्कूल पहुंचे और पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। पता चला है कि होमवर्क न करने पर बच्चों के कपड़े उतारे गए थे। हालांकि, यह घटना 2 से 3 महीने पुरानी बताई जा रही है।”
डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर ने कहा, “इस मामले में बच्चों से बयान लिए गए हैं। प्राइवेट स्कूल को नोटिस जारी किया गया है। जांच में स्कूल प्रिंसिपल, गार्ड और ड्राइवर की लापरवाही सामने आई है। नोटिस में कहा गया है कि तीनों को स्कूल से निकाल दिया जाए। रिकग्निशन एक्ट के तहत 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।”
स्कूल मैनेजमेंट को सात दिन के अंदर जुर्माना जमा करने का आदेश दिया गया है। पीड़ित बच्चों ने रोते हुए अपने माता-पिता को अपनी आपबीती सुनाई। उनका कहना है कि प्रिंसिपल के कहने पर उनके साथ ये बद्सलूकी की गई। स्कूल ड्राइवर ने उनसे स्कूल ग्राउंड से पत्थर उठवाए। इतना ही नहीं, विरोध करने पर प्रोजेक्ट में कम नंबर देने की धमकी भी दी गई।
मामले का एक और गंभीर पहलू सामने आया है। बजरंग दल के नेता जगदीश कुशवाहा ने आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल ने बच्चों को माथे पर तिलक लगाने और हाथों में पवित्र धागा बांधने से रोका। इससे हिंदू संगठनों में काफी गुस्सा है।
शुक्रवार, 26 दिसंबर को VHP और बजरंग दल (बजरंग दल प्रोटेस्ट) के कार्यकर्ताओं ने स्कूल गेट पर नारे लगाकर और हनुमान चालीसा पढ़कर प्रोटेस्ट किया। घटना के बाद तहसीलदार, CSP और लोकल पुलिस मौके पर पहुंची। माता-पिता ने पुलिस को लिखित शिकायत दी।
डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर की जांच में पाया गया कि बच्चों के लगाए सभी आरोप सही थे। अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा और सम्मान से समझौता करने वाले किसी भी संस्थान को बख्शा नहीं जाएगा।
CSP अभिनंदन शर्मा ने कहा, "परिवार ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है। जांच और बच्चों की बात सुनने के बाद पता चला है कि स्कूल प्रिंसिपल, गार्ड और ड्राइवर ने बच्चों को परेशान किया। शिक्षा विभाग के साथ एक एडमिनिस्ट्रेटिव टीम भी जांच के लिए पहुंच गई है। शिकायत के आधार पर पुलिस भी जांच कर रही है, और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
पुराण डेस्क