भोपाल: दक्षिण बालाघाट वन मंडल के लालबर्रा परिक्षेत्र में एक टाइगर की संदिग्ध मौत के मामले में जांच कर रहे एसडीओ बीआर सिरसाम को निलंबित किया जा रहा है। निलंबन का प्रस्ताव गुरुवार तक जारी हो जाएंगे। इस पूरे मामले सबसे बड़े कसूरवार डीएफओ अधर गुप्ता को बचाया जा रहा है।
हालांकि एपीसीसीएफ वन्य प्राणी एल कृष्णमूर्ति बताते हैं कि जांच अब स्टेट टाइगर टास्क फोर्स (एसटीएफ) करेगी। एसटीएफ की रिपोर्ट आने के बाद यदि डीएफओ कसूरवार पाया जाता है तो उसके खिलाफ की कार्रवाई की जाएगी। जबकि बालाघाट के चारों विधायकों दक्षिण बालाघाट के लिए अधर गुप्ता के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
बालाघाट से भोपाल आ रही सूचना के अनुसार बाघिन की संदिग्ध मौत के मामले में सीएफ कार्यालय की उड़न दस्ता टीम ने कथित शिकारी को पकड़कर जांच कर रहे एसडीओ बीआर सिरसाम टीम को सौंप दिया था। लेकिन पूछताछ के दौरान ही एसडीओ बीआर सिरसाम टीम के चंगुल से शिकारी फरार हो गया।
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सीएफ बालाघाट गौरव चौधरी ने एसडीओ बीआर सिरसाम के निलंबन का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा है। सीएफ के प्रस्ताव पर मुख्यालय ने एसडीओ को निलंबित करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। गुरुवार शाम तक निलंबन आदेश जारी होने की संभावना है। बालाघाट के फील्ड स्टाफ से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण बालाघाट डीएफओ गुप्ता ना तो ऑफिस में नजर आ रहे हैं और ना ही जांच में कोई सहयोग कर रहे हैं।
क्यों होनी चाहिए डीएफओ पर कार्यवाही..?
बाघ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 अंतर्गत शेड्यूल -1 वन्य प्राणी है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर अनुसार शेड्यूल 1 के वन्य प्राणियों का दाह संस्कार वन्य प्राणी विशेषज्ञों और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के सदस्य, टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी के सदस्य एवं संबंधित मुख्य वन संरक्षक की उपस्थिति में पोस्टमार्टम उपरांत समस्त स्पेसिमेन कलेक्शन के बाद दाह संस्कार के निर्देश दिए गए हैं।
डीएफओ अधर गुप्ता और उनकी टीम ने इसका पालन नहीं किया। यहां तक कि सीएफ से भी घटना की जानकारी छुपाई। इसे वन बल प्रमुख वीएन अंबाड़े और पीसीसीएफ वन्य प्राणी भी मानते है कि गंभीर लापरवाही प्रत्येक स्तर पर बरती गई है। प्रकरण में लापरवाही का सीधा संबंध वनमंडल अधिकारी एवं वन संरक्षक से है।
डीएफओ गुप्ता न ऑफिस में रहते हैं न फील्ड पर..
वन्यजीव प्रेमी अजय दुबे ने वन बल प्रमुख वीएन अंबाड़े और एनटीसीए के सदस्य को पत्र लिखकर कहा है कि संवेदनशील कान्हा - पेंच कॉरिडोर में स्थित बालाघाट साउथ के सोनवानी वन क्षेत्र के कंपार्टमेंट 443 में बाघ के क्रूर शिकार के लिए अज्ञात दोषियों के साथ मृत बाघ के शरीर को नष्ट करने में वन कर्मियों का शामिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पत्र में उल्लेख किया कि प्रस्तावित सोनेवानी कंजर्वेशन रिजर्व में 60 से अधिक बाघों की उपस्थिति है। लेकिन बालाघाट साउथ डिवीजन के डीएफओ अधर गुप्ता न ऑफिस में उपस्थित रहते हैं न फील्ड पर भ्रमण करते हैं। बाघ के शिकार की सूचना स्थानीय लोगों में दिनांक 27 july 2025 से फैल गई थी लेकिन CCF से वन रक्षक तक के वन अफसर/कर्मचारी निष्क्रिय रहे। इसका प्रमाण है कि वर्तमान में डीएफओ की ऑफिस में उपस्थिति न होने से ऑनलाइन TP बड़ी संख्या में लंबित है और बांस परिवहन करने वाले ढेरों वाहन बालाघाट में खड़े हैं।