भोपाल क्रिएटिव क्लब का माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का सौजन्य भ्रमण


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स्टोरी हाइलाइट्स

इस मौके पर गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में आयोजित “हिन्दी पत्रकारिता : सौ वर्ष, सौ सुर्खियाँ” शीर्षक प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें देश की पत्रकारिता यात्रा के स्वर्णिम पड़ाव सजीव हो उठे..!!

भोपाल: भोपाल क्रिएटिव क्लब के सदस्यों ने आज कुलगुरु  विजय मनोहर तिवारी के आमंत्रण पर बिशनखेड़ी स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नवीन परिसर का अवलोकन किया। इस अवसर पर क्लब के सदस्यों ने सर्वप्रथम राष्ट्रकवि दादा माखनलाल चतुर्वेदी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में आयोजित “हिन्दी पत्रकारिता : सौ वर्ष, सौ सुर्खियाँ” शीर्षक प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें देश की पत्रकारिता यात्रा के स्वर्णिम पड़ाव सजीव हो उठे।

भ्रमण के पश्चात चाणक्य भवन स्थित कुलगुरु कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भोपाल क्रिएटिव क्लब के मुख्य संयोजक डॉ. नवीन आनंद जोशी सहित उपस्थित सदस्यों ने कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी का सारस्वत अभिनंदन किया। संगोष्ठी में सर्वश्री जगदीश कौशल, सुरेश अवतरमानी, राजा दुबे, प्रकाश साकल्ले, प्रतीष पाठक, प्रदीप भाटिया, चन्द्रकिशोर सिसोदिया, मनोज खरे, अतुल खरे, राजेंद्र शर्मा, आरिफ़ मिर्ज़ा एवं विनोद नागर की सक्रिय सहभागिता रही।

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संगोष्ठी का परिवेश संस्मरणों की गरिमा से भरा रहा। क्लब के वरिष्ठ सदस्यों ने अपने पत्रकारिता जीवन के रोचक और प्रेरणादायी प्रसंग साझा किए। कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने भी वर्ष 2008 में प्रकाशित अपनी चर्चित कृति “एक साध्वी की सत्ता कथा” से जुड़ा एक रोचक अनुभव सुनाया। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक को पढ़कर जब प्रख्यात कवि कुमार विश्वास ने उन्हें फोन किया था, तो वे उन्हें पहचान न सके और साधारण पाठक समझकर यहाँ तक पूछ बैठे – “आप क्या करते हैं?” बाद में अपनी भूल का आभास होने पर उन्होंने हंसी-मजाक के साथ स्थिति को सँभाला।

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कुलगुरु तिवारी ने विश्वविद्यालय में चल रहे शैक्षणिक नवाचारों और प्रशासनिक सुधारों की जानकारी भी साझा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस सत्र में अनुशासन और नियमितता सुनिश्चित करने हेतु सख्त कदम उठाए गए हैं। विश्वविद्यालय ने उन पाँच सौ से अधिक छात्र-छात्राओं को प्रथम आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित कर दिया है जिनकी उपस्थिति पचास प्रतिशत से कम रही। गत सेमेस्टर में भी “आदतन अनुपस्थित” 121 विद्यार्थियों को मुख्य परीक्षा से बाहर रखा गया था। उपस्थिति सुधार हेतु इस बार विश्वविद्यालय ने शहर के प्रमुख स्थानों से विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क बस सेवाएँ प्रारंभ की हैं।

तिवारी ने यह भी बताया कि मीडिया शिक्षा को समय की बदलती चुनौतियों के अनुरूप ढालने हेतु निरंतर नई पहलें की जा रही हैं। इसी क्रम में अगले सप्ताह विश्वविद्यालय में डीप फेक, फेक न्यूज़ और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) विषय पर केंद्रित एक विशेष कार्यशाला आयोजित की जाएगी।

यह भ्रमण-संगोष्ठी न केवल विश्वविद्यालय की नवीन पहलों से परिचित कराने का अवसर बनी, बल्कि पत्रकारिता और जनसंचार के विविध अनुभवों के आदान-प्रदान का भी अविस्मरणीय क्षण सिद्ध हुई।