मंगलवार 4 नवंबर शाम करीब 4 बजे बिलासपुर रेलवे डिवीजन के लालखदान इलाके में एक भयानक ट्रेन हादसा हो गया। हावड़ा रूट पर चल रही पैसेंजर मेमो ट्रेन का एक डिब्बा अचानक मालगाड़ी से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि मेमो ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
शुरुआती खबरों के मुताबिक, हादसे में कम से कम चार यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। यह हादसा बिलासपुर स्टेशन से कुछ किलोमीटर दूर लालखदान के पास हुआ। चश्मदीदों के मुताबिक, मेमो ट्रेन हावड़ा की ओर जा रही थी, तभी सामने से आ रही एक मालगाड़ी से उसकी टक्कर हो गई।
टक्कर के बाद मेमो ट्रेन का अगला डिब्बा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि मालगाड़ी के इंजन को भी काफी नुकसान हुआ। यात्रियों की चीख-पुकार और धुएं के गुबार से पूरा इलाका भर गया। कई यात्री डिब्बों में फंस गए थे, जिन्हें स्थानीय लोगों और रेलवे कर्मचारियों ने बचाया।
हादसे की जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन ने तुरंत इमरजेंसी टीमें भेजीं। साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक, घायलों के इलाज के लिए सभी ज़रूरी संसाधन मुहैया कराए गए हैं। बिलासपुर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं, जहां डॉक्टरों की टीमें लगातार घायलों की देखभाल कर रही हैं। रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि परिवार अपने यात्रियों के बारे में जानकारी ले सकें। इसके अलावा, नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) और स्थानीय बचाव टीमें मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों में लगी हुई हैं। पटरी से उतरे डिब्बों को हटाने और खराब पटरियों को ठीक करने के लिए क्रेन और मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस हादसे ने हावड़ा रूट पर ट्रेन ऑपरेशन को पूरी तरह से रोक दिया है। कई एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें कैंसिल कर दी गई हैं, जबकि कुछ को दूसरे रूट पर भेजा जा रहा है। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे सब्र रखें और अपडेट के लिए ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप देखते रहें।
शुरुआती जांच से पता चला है कि हादसा सिग्नल फेलियर या इंसानी गलती की वजह से हुआ, लेकिन डिटेल में जांच के लिए एक हाई-लेवल कमेटी बनाई गई है। रेल मंत्री ने हादसे पर दुख जताया और मरने वालों के परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया।
हादसे ने एक बार फिर रेल सेफ्टी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि हाल के सालों में ऐसे हादसे कम हुए हैं, लेकिन बिज़ी रूट पर टेक्निकल दिक्कतें और दबाव अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं। रेलवे को सिग्नलिंग सिस्टम को मजबूत करने, ट्रेन स्पीड कंट्रोल और स्टाफ ट्रेनिंग पर खास ध्यान देने की जरूरत है। घायलों के जल्दी ठीक होने की उम्मीद है, और भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोकने के लिए हादसे की पूरी जांच की जा रही है। फिलहाल, राहत अभियान चल रहा है और हालात पर नज़र रखी जा रही है।
रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:
चंपा जंक्शन - 808595652
रायगढ़ - 975248560
पेंड्रा रोड - 8294730162
दुर्घटना स्थल पर दिए गए हेल्पलाइन नंबर:
9752485499
8602007202
पुराण डेस्क