भोपाल। कांग्रेस में प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के लिए उन उम्मीदवारों को लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया है। पार्टी हाईकमान ने प्रभारियों को अगले सप्ताह से अपने-अपने प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्रों में जाने का फरमान जारी किया है। उन्हें कहां गया है कि वे दावेदारों के नामों के पैनल तैयार कर 30-31 जनवरी तक एआईसीसी को दें।
पिछले दिनों पार्टी हाईकमान में नई दिल्ली में एक बैठक। इस बैठक खास बात यह रही कि इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित कोई भी पदाधिकारी शामिल नहीं था। इससे यह साफ हो गया है कि अब टिकट चयन का मामला एआईसीसी ही अपने हाथ में रखेगी। इसके चलते ही उसने ही लोकसभा प्रभारियों को बनाया और सीधे ही उनकी बैठक ली।
इस बैठक में सभी प्रभारियों से कहा गया है कि वे 18 से 24 जनवरी के बीच अपने प्रभार के क्षेत्र में जाएं और यहां की व्यापक रूप से रिपोर्ट तैयार करें। इसके साथ यह भी पता करें कि बेहतर उम्मीदवार कौन-कौन हो सकते हैं। इनमें से तीन नाम छांट कर एआईसीसी को भेजने का भी कहा गया है। कांग्रेस के सीनियर नेता ने बताया कि 30-31 तक लोकसभा प्रभारियों को रिपोर्ट देनी है। इसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी नामों पर पीसीसी में ही मंथन करेगी। इस बार युवा चहेरों के साथ बुजुर्ग नेताओं को भी उतारा जा सकता है। हालांकि दर्जन से अधिक जिलों में कांग्रेस का खाता विधानसभा चुनाव में नहीं खुला है।
जीतू पटवारी को फ्री हैंड नहीं
विधानसभा चुनाव में हुई शर्मनाक पराजय के बाद पार्टी हाईकमान प्लीज कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को हटाकर चुनाव में पराजित जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है किन्तु उन्हें फ्री हैंड नहीं दिया है। न तो उन्हें उम्मीदवार चुनने की स्वतंत्रता दी गई है और न ही उन्हें अपने मनमाफिक संगठन में पदाधिकारी चयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यही कारण है कि उन्हें पूर्व से ही संगठन के विभिन्न पदों पर कुंडली मार कर बैठे नेताओं को हटाने में अब तक पटवारी नाकाम नजर आ रहे हैं। यही नहीं, पूर्व पदाधिकारियों से पटवारी को यहां तक कहना पड़ा कि फिलहाल आप सभी अपने कार्य करते रहें। दिलचस्प पहलू यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री द्वय कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी और कमलनाथ के किचिन केबिनेट रहे सज्जन वर्मा एमपी प्रजापति जैसे नेताओं की छत्रछाया में ही संगठन की गतिविधियां संचालित करने के संकेत दे दिए हैं।
अनुशासन कमेटी कब करेगी फैसला
कांग्रेस में होने वाली बैठकों में एक ही मुद्दा बार बार उठाया जा रहा है। कांग्रेस के नेताओं ने भितरघात का आरोप कार्यकर्ताओं पर लगाया था। पार्टी ने मांग की थी कि उन्हें बाहर किया जाए। इसके लिए अनुशासन कमेटी फैसला करेगी। हालांकि अभी तक बैठक कमेटी की नहीं हुई है। इसलिए नेताओं की नाराजगी भी उजागर हो रही है। खुलकर बैठकों पर नेताओं से सांप पाले हुए हैं। ऐसे आरोप तक लगा चुके हैं।
गणेश पाण्डेय