अजब है, गजब एमपी के लिए यह बात यूं ही नही कही जाती क्योंकि यहां पर कारनामें ही नहीं अजब-गजब घोटाले भी सामने आते रहते है।
मध्य प्रदेश में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग यानी पीएचई मंत्री संपतिया उइके जांच के घेरे में हैं। विभाग ने उनके खिलाफ जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। पीएचई के चीफ इंजीनियर (ईएनसी) संजय अंधावन ने यह आदेश जारी किया है। पूर्व विधायक किशोर समरीत ने प्रधानमंत्री से मंत्री संपतिया उइके की शिकायत की थी। उन्होंने संपतिया उइके पर 1000 करोड़ रुपये कमीशन लेने का आरोप लगाया था।
समरीत ने शिकायत में कहा था कि मंत्री ने जल जीवन मिशन के लिए केंद्र द्वारा दिए गए 30 हजार करोड़ रुपये में से कमीशन की यह रकम ली है। इस संबंध में पीएमओ और केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद पीएचई के चीफ इंजीनियर ने जांच के आदेश दे दिए हैं। विभाग के अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं।
मंत्री सम्पतिया उइके ने कहा कि जांच के आदेश जारी होने के बाद वे इस बारे में मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा कि आदेश जारी करने वाले अधिकारी को यह अधिकार नहीं है। इधर, शिकायतकर्ता किशोर समरीते ने कहा है कि प्रधानमंत्री से शिकायत करने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री सम्पतिया उइके ने विभाग की कार्यपालक तंत्र द्वारा कमीशन लिया है।
पूर्व विधायक किशोर समरीते ने इस मामले की शिकायत करते हुए 12 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री को पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि मंत्री सम्पतिया उइके ने मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन के लिए केंद्र द्वारा दी गई 30 हजार करोड़ की राशि में से एक हजार करोड़ रुपए का कमीशन लिया है। किशोर समरीते ने ईएनसी बीके सोनगरिया पर अपने अकाउंटेंट महेंद्र खरे के जरिए कमीशन लेने का भी आरोप लगाया।
किशोर समरीत ने आरोप लगाया था कि राज्य में हजारों कार्यों के फर्जी प्रमाण पत्र केंद्र को भेजे गए हैं। अगर सीबीआई जांच हुई तो यह देश का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा।
57 वर्षीय संपतिया उइके भाजपा की वरिष्ठ महिला नेता हैं। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत जमीनी स्तर से की। वे तीन बार मंडला जिला पंचायत की अध्यक्ष चुनी गईं। भाजपा ने उन्हें 2017 में राज्यसभा का सदस्य बनाया। 2023 के विधानसभा चुनाव में संपतिया उइके ने मंडला सीट जीती, जिसके बाद उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। उन्हें पीएचई जैसा महत्वपूर्ण विभाग भी दिया गया।