देश के सबसे पुराने व प्रतष्ठित कारोबारी समूह में शुमार टाटा में अब अगली पीढ़ी को कमान सौंपने की कवायद तेजी से जारी है। इसे आसपास के लोग 'महसूस' कर रहे हैं। रतन टाटा अब काफी बुजुर्ग हो गये हैं लेकिन वे सक्रियता बनाए रखते हैं। मगर अब एक नाम तेजी से उभर रहा है - माया टाटा। सिर्फ 34 साल की माया हालांकि चमक दमक व मीडिया से दूरी बनाकर रखती हैं मगर काबिलियत के मामले में उनका लोहा माना जाता है। हालांकि माया रिश्ते में टाटा ग्रुप के मुखिया रतन टाटा की सौतेली भतीजी हैं। मगर यह तय लग रहा है कि अब उन्हें बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार किया जा रहा है।
हाल ही में टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट के बोर्ड मेंबर के तौर पर माया टाटा को अपने भाई-बहन लिआ और नेविल के साथ शामिल किया गया है। 29 अगस्त को टाटा संस की एजीएम है। उसमें इनकी भूमिकाओं के बारे में कुछ बड़ी बातें होने के आसार कार्पोरेट जगत में हैं।
माया ने ब्रिटेन के बेयस बिजनस स्कूल और वारविक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। वह नवल टाटा और उनकी दूसरी पत्नी सिमोन टाटा की पोती हैं। सोमन नोएल टाटा की मां और रतन टाटा की सौतेली मां हैं। माया ने टाटा कैपिटल की सहायक कंपनी टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड से अपने करियर की शुरुआत की थी। टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड के अचानक बंद होने से माया के करियर की दिशा में अप्रत्याशित मोड़ आया। अचानक आया यह बदलाव उन्हें टाटा समूह की सहायक कंपनी टाटा डिजिटल की तरफ ले गया। नए युग की प्रौद्योगिकियों को अपनाने में माया की लीडरशिप बेहद अहम है। माया से ग्रुप को काफी उम्मीदें हैं।
रतन टाटा से दोहरा नाता :
बताया जाता है कि माया रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा और अलू मिस्त्री की बेटी हैं। अलू अरबपति पालोनजी मिस्त्री की बेटी और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की बहन हैं। साइरस की दुर्भाग्य से एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। मिस्त्री परिवार के पास लंबे समय से साइरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट ग्रुप के जरिये टाटा की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में लगभग 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है। इस तरह माया का टाटा से दोहरा संबंध है। उनके पिता नोएल रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। जबकि उनकी मां साइरस मिस्त्री की बहन हैं।