पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का यूं तो विवादों सें गहरा नाता रहा है। जी हां पटवारी एक बार फिर मुश्किल में हैं। इस पर पटवारी पर नहीं उनके भाई कानूनी शिकंजे में फंसते नज़र आ रहे हैं।
जी हां इंदौर में एक बार फिर राजनीति और जमीन के खेल की परतें खुलने लगी हैं। इस बार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के परिवार का नाम सामने आया है। दरअसल, उनके भाई भरत पटवारी, नाना पटवारी और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव पर 6.33 एकड़ बेशकीमती जमीन हड़पने और धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप है।
जमीन के असली मालिक नरेंद्र मेहता की शिकायत पर तेजाजी नगर पुलिस ने तीनों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है।
दरअसल, इस एफआईआर के अनुसार, आरोप है कि भरत पटवारी और उसके साथियों ने फर्जी ट्रस्ट के नाम पर उमरीखेड़ा गांव में बेशकीमती जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया। 29 मार्च को सदाशिव यादव करीब 15-20 लोगों के साथ मौके पर पहुंचे और निर्माण कार्य शुरू करा दिया। इतना ही नहीं, जमीन को बेचने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन भी डाल दिए।
74 वर्षीय नरेंद्र मेहता ने आरोप लगाया है, कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। उनके अनुसार, वे 1939 से इस जमीन के मालिक हैं, जब उन्हें होलकर स्टेट से इनाम के तौर पर यह जमीन मिली थी। बाद में इसे उनके पिता नवरत्नमल जैन के नाम कर दिया गया। इसका कानूनी मालिकाना हक आज भी उनके पास है। हालांकि, इस मामले में एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा ने केस दर्ज होने की पुष्टि की है और कहा है कि जांच जारी है।
मामले ने राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है। भाजपा ने कांग्रेस पर जमीन घोटाले का आरोप लगाकर निशाना साधा है।
वहीं, जीतू पटवारी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह विचारों की लड़ाई है, संविधान बचाने की लड़ाई है। परिवारों को डराने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम डरेंगे नहीं।" हालांकि उन्होंने एफआईआर में लगाए गए आरोपों का सीधे तौर पर खंडन नहीं किया, लेकिन उन्होंने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया।
मामले में एक और गंभीर बात सामने आई कि नाना पटवारी के खिलाफ पहले से ही सात मामले दर्ज हैं। इनमें मारपीट, धमकी और ड्रग्स से जुड़े कई मामले शामिल हैं। हाल ही में वे भाजपा के एक पूर्व पार्षद पर हमले को लेकर भी चर्चा में रहे थे। इससे पूरा मामला और गंभीर हो जाता है। दरअसल, पहले से ही आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों पर अब करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लग रहा है। पुलिस का कहना है कि जमीन के दस्तावेजों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
इसे लेकर काग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव राकेश यादव ने एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, ज़िला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पर दर्ज एफ़आइआर में पीसीसी अध्यक्ष के पारिवारिक सदस्यों के नाम दुर्भावनापूर्वक राजनैतिक प्रतिशोध के कारण लिखे गये हैं। एफ़आइआर में स्पष्ट हैं की भरत पटवारी और नाना पटवारी का ज़मीन से दस्तावेजी संबंध नहीं हैं। कांग्रेस का कड़ा विरोध हैं।