झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में निधन, राज्य में शोक की लहर


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स्टोरी हाइलाइट्स

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया, वे पिछले कई दिनों से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे..!!

झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत हो गया। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार 4 अगस्त को निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे और पिछले कई दिनों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था, लेकिन तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति में एक सशक्त आदिवासी नेता के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने दशकों तक आदिवासी अधिकारों और वन भूमि संरक्षण के लिए संघर्ष किया। 'गुरुजी' के नाम से प्रसिद्ध शिबू सोरेन ने झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उनके निधन की खबर से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

झारखंड सरकार ने झामुमो के संस्थापक संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।


 

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उनके सम्मान में राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

झामुमो की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "हमने अपने गुरु, मार्गदर्शक और झारखंड आंदोलन के एक महान योद्धा को खो दिया है। गुरुजी का जाना एक अपूरणीय क्षति है।"

शिबू सोरेन ने 1970 के दशक में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने 1980 के दशक में झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया और कई बड़े जनांदोलनों का नेतृत्व किया। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने और केंद्र सरकार में कोयला मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे।

हालाँकि, उनका जीवन विवादों से भी भरा रहा- 2004 में एक हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, लेकिन बाद में हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।

उनके बेटे हेमंत सोरेन, जो वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हैं, ने अपने पिता के निधन को व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों रूप से एक बड़ी क्षति बताया है। उन्होंने कहा, "मेरे पिता न केवल मेरे अभिभावक थे, बल्कि वे राज्य के लोगों के लिए एक मार्गदर्शक भी थे।" राज्य सरकार ने शिबू सोरेन के सम्मान में राजकीय शोक की घोषणा की है और उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।