IPS सुसाइड केस में DGP समेत 15 पर FIR! सुसाइड नोट में चौंकाने वाला खुलासा!


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स्टोरी हाइलाइट्स

सुसाइड नोट लिखने के बाद IPS पूरन ने अपने बॉडीगार्ड से पिस्तौल मांगी और साउंडप्रूफ बेसमेंट में जाकर खुद को गोली मार ली, FIR में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं..!!

हरियाणा के ADGP वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में नया खुलासा हुआ है। जाँच में पता चला है कि उन्होंने बेसमेंट में अपने गनमैन की पिस्तौल से खुद को गोली मार ली। घटना के बाद साउंडप्रूफ बेसमेंट में मिले सुसाइड नोट में पूरन कुमार ने कई वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।

हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) वाई. पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार ली थी। जाँच में अब कई खुलासे हुए हैं। अब पता चला है कि उन्होंने अपने गनमैन से पिस्तौल मांगी, फिर बेसमेंट में वापस चले गए, जिससे गार्ड अंदर नहीं जा सके। जिस बेसमेंट में उन्होंने आत्महत्या की, वह पहले से ही साउंडप्रूफ था।

घटना के समय IPS पूरन कुमार की पत्नी अमनित पी. कुमार घर पर नहीं थीं। वह हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जापान गए एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल थीं।

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पोस्ट शेयर कर उन्होंने कहा

हरियाणा के IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार जी की आत्महत्या उस गहराते सामाजिक ज़हर का प्रतीक है, जो जाति के नाम पर इंसानियत को कुचल रहा है। जब एक IPS अधिकारी को उसकी जाति के कारण अपमान और अत्याचार सहने पड़ें - तो सोचिए, आम दलित नागरिक किन हालात में जी रहा होगा। रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का अपमान और अब पूरन जी की मृत्यु - ये घटनाएँ बताती हैं कि वंचित वर्ग के ख़िलाफ़ अन्याय अपनी चरम सीमा पर है। BJP-RSS की नफ़रत और मनुवादी सोच ने समाज को विष से भर दिया है। दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुस्लिम आज न्याय की उम्मीद खोते जा रहे हैं। ये संघर्ष केवल पूरन जी का नहीं - हर उस भारतीय का है जो संविधान, समानता और न्याय में विश्वास रखता है।

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पूरन कुमार हरियाणा कैडर के एक सम्मानित अधिकारी माने जाते थे और उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था। आत्महत्या करने से पहले, उन्होंने अपनी आईपीएस पत्नी अमनीत कुमार को एक वसीयत और एक सुसाइड नोट भेजा था। इसके बाद, पत्नी ने उन्हें 15 बार फ़ोन किया, लेकिन पूरन कुमार ने फ़ोन नहीं उठाया। जब उनकी बेटी बेसमेंट में गई, तो उसने उन्हें मृत पाया, उनके सिर से खून बह रहा था।

मामले की जाँच कर रहे एसएसपी ने बताया कि उन्हें 1:30 बजे फ़ोन आया था और उन्हें कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। इस बीच, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूरन कुमार के घर जाकर अपनी संवेदना व्यक्त की और परिवार से मिलकर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री के साथ जापान की आधिकारिक यात्रा से लौटीं उनकी आईएएस पत्नी अमनित पी. कुमार ने वाई. पूरन कुमार का पोस्टमार्टम रुकवा दिया था और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से फ़ोन पर बात करके आरोपी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की माँग की थी।

इस मामले में दर्ज की गई FIR में कई खुलासे हुए हैं। पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में 10 वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अपने सुसाइड नोट में हरियाणा कैडर के कई वरिष्ठ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और प्रशासनिक दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।

पूरन कुमार ने अपनी मौत से पहले लिखा था कि उन्हें लगातार मानसिक और जातिगत प्रताड़ना दी गई, उनके अधिकारों से वंचित किया गया, पदोन्नति और वेतन संबंधी लाभों से वंचित रखा गया और उन्हें झूठे मामलों में फँसाने की साजिश रची गई।

अपने सुसाइड नोट में, उन्होंने हरियाणा पुलिस के डीजीपी शत्रुजीत कपूर पर आरोप लगाया कि उन्हें 1 जनवरी, 2015 से बकाया वेतन मिल रहा था, लेकिन जब उन्होंने उन्हीं लाभों की माँग की, तो उन्हें तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के सामने सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। इसके बाद उनका बकाया रोक लिया गया। उन्होंने शत्रुजीत कपूर पर झूठी शिकायतें दर्ज कराने और सरकारी आवास व वाहनों तक उनकी पहुँच में बाधा डालने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने एडीजीपी संजय कुमार पर सार्वजनिक रूप से अपमानित करने और फँसाने का भी आरोप लगाया। पूरन कुमार ने 2007 बैच के आईजीपी पंकज नैन पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, उनकी एपीआर रिपोर्ट में हेराफेरी करने की साजिश रचने और उनके खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराने का आरोप लगाया था। पूरन कुमार की मौत, उनके सुसाइड नोट और वरिष्ठ अधिकारियों के नाम दर्ज FIR के बाद प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया है। हरियाणा सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।