Guru Poornima 2025: गुरु पूर्णिमा, जानें पूजा और स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और विधि


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स्टोरी हाइलाइट्स

इस बार गुरु पूर्णिमा का दिन 10 जुलाई यानी मध्यरात्रि से शुरू होकर 11 जुलाई मध्यरात्रि 2.06 बजे समाप्त होगा..!!

Guru Poornima 2025: इस बार गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु पूर्णिमा आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इसी दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा का दिन 10 जुलाई यानी मध्यरात्रि से शुरू होकर 11 जुलाई मध्यरात्रि 2.06 बजे समाप्त होगा। श्री हरि और माता लक्ष्मी की पूजा का समय सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक रहेगा।

गुरु पूर्णिमा के दिन घर की अच्छी तरह सफाई करें, स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद किसी पवित्र स्थान या पूजा स्थल पर स्वच्छ श्वेत वस्त्र बिछाकर व्यासपीठ तैयार करें और उस पर वेद व्यासजी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। 

फिर वेद व्यासजी को चंदन, कुमकुम, पुष्प, फल और मिठाई आदि अर्पित करें। इस विशेष दिन पर वेद व्यासजी के साथ-साथ शुक्रदेव और शंकराचार्य जैसे महान गुरुओं का भी स्मरण और आह्वान करें। इस अवसर पर केवल गुरु का ही नहीं, बल्कि परिवार के बड़ों जैसे माता-पिता, बड़े भाई-बहनों का भी गुरु के समान सम्मान करना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

इस विशेष दिन पर शिष्य अपने गुरु की पूजा करता है और अपनी सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि अर्पित करता है। इस दिन शिष्य अपने सभी दोष गुरु को अर्पित करता है और अपने सभी भार गुरु को सौंप देता है। कहा जाता है कि गुरु की पूजा करने से व्यक्ति बहुत आसानी से सब कुछ प्राप्त कर सकता है।

हम केवल शिक्षा देने वाले को ही गुरु  मानते हैं। वास्तव में, ज्ञान देने वाला गुरु ही आंशिक रूप से गुरु होता है। वह व्यक्ति या शक्ति जो व्यक्ति को ईश्वर तक पहुँचा सके, गुरु कहलाती है। गुरु बनने के लिए कई शर्तें बताई गई हैं जैसे शांत, कुलीन, विनम्र, दिखने में स्वच्छ, आचरण में शुद्ध और सुप्रतिष्ठित होना आदि। गुरु प्राप्ति के बाद उनके निर्देशों का पालन करने का प्रयास करें।

1. गुरु पूर्णिमा के दिन श्री हरि की पूजा करें और फिर उन्हें पीले वस्त्र अर्पित करें और बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त करें।

2. इसके अलावा करियर में सफलता पाने के लिए अपनी बही में स्वस्तिक बनाकर अपनी मनोकामना लिखें और उसे मां सरस्वती के पास रखें।

3. इसके अलावा गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु यंत्र स्थापित करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।