Hartalika Teej 2025: सनातन धर्म में हरतालिका तीज यानि की तीजा पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन कुंवारी कन्याएँ और विवाहित महिलाएँ व्रत रखकर भगवान महादेव के साथ माता पार्वती की पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और शीघ्र विवाह की संभावनाएँ बढ़ती हैं। विवाहित महिलाएँ अपने जीवन में सुख और शांति का आनंद लेती हैं।
मान्यता है कि इस दिन पूजा में विशेष सामग्री शामिल न करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। इसलिए हरतालिका तीज की पूजा में प्रयुक्त होने वाली सामग्री पहले ही एकत्र कर लें।
हरितालिका तीज की पूजन सामग्री..
घी, दीपक, धूपबत्ती और अगरबत्ती, भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति, कपूर, पान और बाती, साबुत नारियल, चंदन, पान, अर्पण करने के लिए केला, फूल, बेल के पत्ते, कलश, धतूरा, आम के पत्ते, केले के पत्ते और चौकी, शमी के पत्ते, सोलह श्रृंगार सामग्री।
हरतालिका तीज तिथि और समय
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ - 25 अगस्त दोपहर 12:34 बजे
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त - 26 अगस्त दोपहर 1:54 बजे
हरतालिका तीज व्रत 26 अगस्त को मनाया जा रहा है।
अगर आप आर्थिक तंगी से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो हरतालिका तीज पर सुबह स्नान के बाद पूजा करें। इस दौरान सच्चे मन से शिवलिंग पर आक के 5 फूल चढ़ाएँ और शिव चालीसा का पाठ करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस उपाय को करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और धन लाभ की संभावना रहती है।
सभी कार्यों में सफलता पाने के लिए, हरतालिका तीज के दिन शिवलिंग पर दूध, दही और शहद जैसी चीजों का अभिषेक करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से रुके हुए काम पूरे होते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन पूजा के बाद गरीबों को अन्न और धन का दान करें। इससे साधक के जीवन में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहेगी। साथ ही, धन लाभ की भी संभावना रहती है।