हरतालिका तीज 26 अगस्त को है। हरतालिका तीज अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए मनाई जाती है। विवाहित महिलाएं और विवाह योग्य लड़कियां भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं। इस व्रत में देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। देवी पार्वती तीज यानी तृतीया तिथि की स्वामिनी हैं।
हरतालिका तीज व्रत के बारे में एक पौराणिक मान्यता है कि देवी पार्वती ने सबसे पहले यह व्रत रखा था। पार्वती भगवान शिव को पति के रूप में पाना चाहती थीं और इसी इच्छा को पूरा करने के लिए देवी ने हरतालिका तीज से कठोर तपस्या शुरू की। भगवान शिव देवी की तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें मनचाहा वरदान दिया। इसके बाद पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और देवी पार्वती और भगवान शिव की विधिवत पूजा करती हैं।
हरतालिका तीज पर 5 प्रहर की पूजा - हरतालिका तीज पर, पाँच प्रहर यानी दिन में पाँच बार पूजा की जाती है।
हरतालिका तीज सरगी का समय..
सूर्योदय से पहले सरगी का सेवन किया जाता है। हरतालिका तीज पर सूर्योदय सुबह 5:56 बजे होगा। हरतालिका तीज पर, व्रत रखने वाले को सुबह 5:56 बजे से पहले सरगी का सेवन कर लेना चाहिए।
प्रातःकालीन पूजा का शुभ मुहूर्त - प्रातःकालीन पूजा का शुभ समय सुबह 5:56 बजे से 8:31 बजे तक है।
हरतालिका तीज पर प्रदोष काल में पूजा का विशेष महत्व है -
इस दिन प्रदोष काल शाम 6:49 बजे से 7:11 बजे तक रहेगा।
हरतालिका तीज का शुभ समय-
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:27 बजे से प्रातः 05:12 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दिन 11:57 बजे से 12:48 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:31 बजे से 03:23 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:49 बजे से शाम 07:11 बजे तक
अमृत काल: रात्रि 11:30 बजे से 01:15 बजे तक
निशिता मुहूर्त: रात्रि 12:01 बजे से 12:45 बजे तक
हरतालिका तीज पर दिन का चौघड़िया मुहूर्त
चर-सामान्य: प्रात: 09:09 से प्रात:10:46 तक
लाभ-उन्नति: प्रात: 10:46 से प्रात:12:23 तक
अमृत-सर्वोत्तम: रात्रि 12:23 से रात्रि 01:59 तक
शुभ-उत्तम: मध्य रात्रि 03:36 से 05:13 तक
हरतालिका तीज पर रात का चौघड़िया मुहूर्त
लाभ-उन्नति: रात्रि 08:13 से 09:36 तक
शुभ-उत्तम: देर रात 10:59 से 12:23 तक
अमृत-सर्वोत्तम: देर रात 12:23 से मध्य रात्रि 01:46 तक
चर-सामान्य: मध्य रात्रि 01:46 से 27 अगस्त को तड़के 03:10 तक
हरतालिका तीज पारण का समय
हरतालिका तीज व्रत का पारण 27 अगस्त को होगा। इस दिन व्रत का पारण प्रात: 05:57 के बाद किया जा सकता है।
व्रत पारण से पहले की जाती है ये प्रार्थना..
जय जग माता, जय जग माता, मेरी भाग्य विधाता
तुम हो पार्वती शिव प्यारी, तुम दाता नन्द पुरारी।
सती सतों में रेख तुम्हारी, जय हो आनन्ददाता ।। जय जग.।।
इच्छित बर मैं तुमसे पाऊं, भूल चूक को दुख ना उठाऊं।
भाव-भक्ति से तुमको पाऊं, भूल चूक को दुख ना उठाऊं।