नवरात्रि के आठवें दिन, मंगलवार 30 सितम्बर को देवी महागौरी की विशेष पूजा की जाती है। भक्त देवी मंदिरों और घरों में देवी महागौरी को अष्टमी का प्रसाद चढ़ाते हैं। महागौरी देवी दुर्गा की आठवीं शक्ति का नाम है। नवरात्रि के आठवें दिन इनकी पूजा विधिवत की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इनकी पूजा करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं। इनका रंग पूर्णतः श्वेत है।
इस श्वेतता की तुलना शंख, चंद्र और कुंद के पुष्प से की गई है। अष्टमी तिथि पर शोभन योग का प्रसाद बन रहा है, जो रात्रि 1:03 बजे तक रहेगा। शोभन योग के कारण महागौरी की पूजा और कन्या पूजन विशेष फलदायी सिद्ध हो रहा है। नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी की षोडशोपचार विधि से पूजा करके व्रत का पारण किया जाएगा।
नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। नवरात्रि में व्रत रखने के बाद कुछ लोग अष्टमी के दिन पूजा करके अपना व्रत तोड़ते हैं, जबकि कुछ लोग नवमी के दिन। इन दिनों कन्याओं का पूजन किया जाता है। कन्याएँ देवी दुर्गा के स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन्हें देवी लक्ष्मी का भी एक रूप माना जाता है। इनकी पूजा सभी राशियों के लिए शुभ होती है।
इनके सभी वस्त्र और आभूषण सफेद हैं। पार्वती रूप में उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी, जिसके परिणामस्वरूप उनका शरीर पूरी तरह से काला पड़ गया था। भगवान शिव ने जब उनके शरीर को गंगा के पवित्र जल से स्नान कराया, तो वह बिजली के समान चमकीला और श्वेत हो गया। तभी से उनका नाम महागौरी पड़ा।