स्टोरी हाइलाइट्स
नाम सुनकर मौत का ही डर रहे हैंआप तो भाईजी हद ही कर रहे हैं।भाव ईश्वर का रखा इसमे प्रतिष्ठितसमझे तुम हम पूजते पत्थर रहे हैं।
नाम सुनकर मौत का ही डर रहे हैं
आप तो भाईजी हद ही कर रहे हैं।
भाव ईश्वर का रखा इसमे प्रतिष्ठित
समझे तुम हम पूजते पत्थर रहे हैं।
हैं मकानों की बहुत लंबी कतारें
अब शहर मे कम बहुत ही घर रहे हैं।
करके भी फाकाकशी न गिड़गिड़ाये
ऐसे भी हमने सुना शायर रहे हैं।
जो हक़ीक़त ज़िन्दगी की जानते हैं
लोग वो दुनिया से कुछ हटकर रहे हैं।
जो अनादर करते अपने से बड़ों का
जानवर से भी बहुत बदतर रहे हैं।
तोप तलवारों के आगे वो डरे न
कहना जो दीवानों को कहकर रहे हैं।