मध्य प्रदेश सरकार ने सीनियर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी संतोष कुमार वर्मा को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए गए विवादित बयान के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। राज्य भर में ब्राह्मण समुदाय में बड़े पैमाने पर गुस्से के बाद, सामान्य प्रशासन विभाग ने मामले पर ध्यान दिया है और वर्मा से सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है।
यह मामला 23 नवंबर, 2025 को भोपाल में हुए AJAKS के प्रांतीय सम्मेलन से जुड़ा है। संतोष कुमार वर्मा, जो वर्तमान में कृषि विकास और किसान कल्याण विभाग में उप सचिव के रूप में कार्यरत हैं। वर्मा ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया था। 25 नवंबर को विभिन्न मीडिया चैनलों पर उनके बयान के कुछ हिस्से प्रकाशित होने के बाद सरकार ने कार्रवाई की।
सरकारी नोटिस के मुताबिक, संतोष कुमार वर्मा ने अपने भाषण में एक खास समुदाय के बारे में कमेंट किया था। उनके बयान का हवाला देते हुए नोटिस में कहा गया है:
“परिवार में एक व्यक्ति को रिजर्वेशन मिलना चाहिए, जब तक कि कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान न करे या उससे कोई रिश्तेदार न हो।”
सरकार ने इस कमेंट को समाज के एक हिस्से के लिए "बेइज्जत करने वाला" और "बहुत आपत्तिजनक" बताया है। नोटिस में साफ कहा गया है कि एक IAS ऑफिसर से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जाती है और यह गंभीर अनुशासनहीनता और गलत व्यवहार है।
जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की तरफ से 26 नवंबर को जारी नोटिस में कहा गया है कि वर्मा का काम ऑल इंडिया सर्विसेज़ (कंडक्ट) रूल्स, 1968 के नियम 3(1) और 3(2)(b)(ii) का साफ़ उल्लंघन है। इन नियमों का उल्लंघन करके, उन्होंने खुद को ऑल इंडिया सर्विसेज़ (डिसिप्लिन एंड अपील) रूल्स, 1969 के तहत डिसिप्लिनरी एक्शन के लिए ज़िम्मेदार बना लिया है।
सरकार ने वर्मा से पूछा है कि इस काम के लिए उनके खिलाफ नियम 10(1)(a) के तहत फॉर्मल डिसिप्लिनरी एक्शन क्यों न लिया जाए?
अंडर सेक्रेटरी (पर्सनेल) फरहीन खान की तरफ से गवर्नर के नाम जारी ऑर्डर में संतोष कुमार वर्मा को नोटिस मिलने के 7 दिनों के अंदर अपना जवाब देने का निर्देश दिया गया है। नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर तय समय सीमा के अंदर उनका जवाब नहीं मिलता है, तो डिपार्टमेंट एकतरफ़ा कार्रवाई करेगा, जिसे आखिरी माना जाएगा। इस संबंध में जानकारी कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार को भी भेज दी गई है।
पुराण डेस्क