स्टोरी हाइलाइट्स
If you are coming to Haridwar by pilgrimage for major bathing festivals, then you will have to bring a corona report with you...
कुंभ मेला 2021: प्रमुख स्नान पर्वों के लिए ट्रेन से हरिद्वार जाने पर ले जानी होगी कोविड(CORONA) रिपोर्ट..
प्रमुख स्नान पर्वों के लिए यदि आप ट्रेन से तीर्थनगरी हरिद्वार आ रहे हैं तो आपको अपने साथ कोरोना की रिपोर्ट लानी होगी. वहीं रेलवे विभाग प्रदेश सरकार की अनुमति के बाद ही अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन करेगा. इससे पहले कुंभ स्पेशल ट्रेन नहीं चलाई जाएगी. हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर बनाए गए आधुनिक कंट्रोल रूम के निरीक्षण के लिए पहुंचे मुरादाबाद रेल मंडल के डीआरएम तरुण प्रकाश ने कहा कि कुंभ मेले के लिए अब कोई भी स्पेशल ट्रेन प्रदेश सरकार के अगले आदेशों तक नहीं चलेगी. सरकार के आदेशों के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो भी श्रद्धालु ट्रेन से हरिद्वार आएगा, उसको अपनी कोरोना जांच रिपोर्ट लेकर आना होगी. जो रिपोर्ट नहीं लेकर आएगा, उसे स्टेशन से बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि प्लेटफार्म पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए होल्डिंग एरिया बनाया गया है. इस एरिया से यात्रियों को ट्रेन आने पर छोड़ा जाएगा ताकि स्टेशन व प्लेटफार्म पर भीड़ की स्थिति न बन सके. उन्होंने बताया कि कोरोना रिपोर्ट के लिए रेलवे की सहायक संस्था IRCTC द्वारा भी लोगों को सन्देश भिजवाए जा रहे हैं कि यदि वे हरिद्वार जाते हैं तो अपनी कोरोना रिपोर्ट साथ लेकर जाएं. इस दौरान प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा, सीनियर डीओएम नवीन कुमार, एडीआरएम एनएन सिंह और सीएमआई बीएस रावत मौजूद रहे.
10 रेलवे स्टेशनों पर तीसरी आंख से नियंत्रित की जाएगी भीड़
कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार रेलवे स्टेशन से ही 10 रेलवे स्टेशनों पर नजर रखी जा सकेगी. हरिद्वार से ही अन्य स्टेशनों पर होने वाली भीड़ के बारे में बताकर वहां भीड़ नियंत्रित कराई जाएगी. हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर 24 एलईडी लगाकर भव्य कंट्रोल रूम तैयार किया गया है.
हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर कुंभ मेले को लेकर हाईटेक व्यवस्था रेल प्रशासन ने कर ली है. इस कंट्रोल रूम से हरिद्वार, मोतीचूर, रायवाला,योगनगरी ऋषिकेश, ऋषिकेश, लक्सर, पथरी, एक्कड़, एथल, एवं ज्वालापुर रेलवे स्टेशनों पर लगाए गए Cctv cameras से नजर रखी जा सकेगी. इसके साथ ही मुरादाबाद से भी नजर रखी जाएगी. कंट्रोल रूम में परिचालन कंट्रोल, वाणिज्य कंट्रोल, आरपीएफ कंट्रोल एवं विद्युत कंट्रोल के अधिकारी 24 घंटे मौजूद रहेंगे.
कुंभ को लेकर यह होगी स्टेशन पर व्यवस्था
- स्टेशन पर प्रवेश एवं निकास के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी.
- प्रवेश गेट के पास सड़क मार्ग पर इनक्लोजर के अनुसार कलर कोडिंग की गई है.
- स्टेशन परिसर में किसी भी प्रकार के वहां के लाने एवं खड़ा करने की अनुमति नहीं है
हरिद्वार कुंभ 2021
स्नान कार्यक्रम
पहला शाही स्नान
11 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व पर
दूसरा शाही स्नान
12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर
तीसरा शाही स्नान
14 अप्रैल को बैसाखी मेष पूर्णिमा पर
चौथा शाही स्नान
27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा पर
हरिद्वार महाकुंभ महापर्व
समुद्रमंथन के बाद हरिद्वार , प्रयाग , उज्जैन और नासिक में अमृत कुंभ रखा गया था. अमृत छलकने के उसी योगके आने पर कुंभ मेले भरते हैं. कुंभ मेले ग्रहों के राजा बृहस्पति और सूर्य के राशि परिवर्तन पर निर्भर हैं. बृहस्पति जब कुंभ राशि में आए और सूर्य मेष राशि में प्रवेश करे , तब हरिद्वार कुंभ-मेला लगता है. इस बार कुंभ महापर्व केवल 14 अप्रैल को होगा और सूर्य के मेष में रहने से एक महीने बाद तक चलेगा . मुख्य शाही स्नान 14 अप्रैल को होगा .
वैसे 11 मार्च को शिवरात्रि , 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या और 27 अप्रैल को वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर भी तीन अन्य शाही स्नान होंगे . कुंभ-मेला काल हर बार एक जनवरी से शुरू होकर 30 अप्रैल तक चार महीने रहता है. लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार मार्च से ही मेला माना जाएगा . यद्यपि मार्च में एक ही शाही स्नान है. कुंभ मेले की अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है. माना जा रहा है कि इस बार कुंभ केवल 48 दिन का ही होगा. मेला अवधि निर्धारण के बाद ही सभी 13 अखाड़े अपनी पेशवाईयों और धर्मध्वजाओं के कार्यक्रम घोषित करेंगे .
Haridwar Kumbh-Mela 2021 : 596 हेक्टेयर क्षेत्र में होगा कुंभ, आठ किमी के दायरे में बनेगी पार्किंग
मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि कुंभ-मेला 596 हेक्टेयर क्षेत्र में होगा.
मेला नियंत्रण भवन (सीसीआर) सभागार में आयोजित बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत और पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने कहा कि कुंभ में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस कुंभ में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इससे हरिद्वार में वाहनों का दबाव अधिक बढ़ जाएगा.
वाहनों को व्यवस्थित संचालन के लिए दुनिया का सबसे बड़ा यातायात प्लान बनेगा. मेलाधिकारी ने कहा कि हरिद्वार आने के कुल 27 मार्ग हैं. इनमें से चार प्रमुख मार्ग दिल्ली-पुरकाजी-हरिद्वार, सहारनपुर-भगवानपुर-हरिद्वार, नजीबाबाद मार्ग और देहरादून मार्ग हैं. इन मार्गों पर आठ किमी के दायरे में आठ पार्किंग बनाई जाएंगी. इसके लिए भूमि चयन कर समतलीकरण कर दिया गया है.
मेलाधिकारी ने पार्किंग स्थलों से घाटों की दूरी, सहारनपुर, देहरादून, ऋषिकेश, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली आदि जगह से आने और जाने वाले वाहनों की पार्किंग व रूट डायवर्जन को लेकर भी आईजी कुंभ से चर्चा की. पैदल आवागमन और स्नान घाटों पर पैदल रूट, आपातकालीन प्लान, अखाड़ों का प्रवेश और वापसी के रूट प्लान पर भी मंथन किया.
श्रद्धालुओं को छोड़ने के लिए चलेंगी 500 बसें
आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि निर्धारित पार्किंग स्थलों से श्रद्धालुओं को घाटों के नजदीक तक छोड़ने और लाने के लिए शहर में 500 बसें चलाई की जाएंगी. शटल बसों को जीपीएस सिस्टम से जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन किया जाएगा.
बैठक में अपर मेलाधिकारी डा. ललित नारायण मिश्र, श्रीरामजी शरण शर्मा, एमडी परिवहन निगम रणवीर चौहान, जीएम उत्तराखंड परिवहन निगम दीपक जैन, सेक्टर मजिस्ट्रेट अजय वीर, योगेश मेहरा, माया दत्त जोशी, प्रेमलाल, सीओ कुंभ प्रकाश देवली, आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी, एआरटीओ प्रवर्तन सुरेन्द्र कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद रहे.
कुंभ-मेला क्षेत्र में पांच हजार लोगों का सत्यापन
कुंभ-मेला की खुफिया इकाई ने अब तक पांच हजार बाहरी लोगों का सत्यापन कर लिया है. इसके साथ ही 850 होटल और धर्मशालाओं की भी जांच की गई है. रोहिंग्या और बांग्लादेशियों चिन्हीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मेला नियंत्रण सभागार में पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना व पुलिस महानिरीक्षक कुंभ-मेला संजय गुंज्याल ने हरिद्वार व कुंभ-मेला एलआईयू के अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक ली.
बैठक में कुंभ-मेला की अभिसूचना इकाई की मंडलाधिकारी सुनीता वर्मा ने अभिसूचना इकाई की ओर से किये गए कार्यों का ब्योरा दिया. एसएसपी अभिसूचना निवेदिता कुकरेती ने बताया कि बाहरी व्यक्ति कोई भी रहता हुआ पाया गया तो उसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. आईजी एपी अंशुमान ने निर्देश दिए कि बीते मेलों में हुए विवादों, घटना, दुर्घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी एकत्र कर ली जाए.