सब की मदद को सदा तत्पर साधुमना थे लक्ष्मीकांत जी : मंगलाप्रसाद मिश्रा


स्टोरी हाइलाइट्स

सब की मदद को सदा तत्पर साधुमना थे लक्ष्मीकांत जीमंगलाप्रसाद मिश्रामध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टीके वरिष्ठ नेता श्री लक्ष्मीकांत शर्मा जी का.....

सब की मदद को सदा तत्पर साधुमना थे लक्ष्मीकांत जी : मंगलाप्रसाद मिश्रा सब की मदद को सदा तत्पर साधुमना थे  लक्ष्मीकांत जी मंगलाप्रसाद मिश्रा मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री लक्ष्मीकांत शर्मा जी का निधन मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। उच्च मानवीय गुणों से ओतप्रोत शर्मा जी एक ऐसे सहज, सरल और निष्कपट व्यक्ति थे,जो उनके प्रति बैर भाव रखने वालों की मदद करने में भी पीछे नहीं हटते थे। किसी ग़रीब की बेटी की शादी मे मदद करनी हो, किसी ज़रूरतमंद का इलाज करवाना हो या कोई और सहायता करनी हो,शर्माजी सदैव तत्पर रहते थे। कभी कभी तो ऐसा लगता था कि उन्हें ऐसे लोगों का इंतज़ार रहता था। शर्माजी की सबसे बड़ी ख़ूबी यह थी कि वह दूसरों पर सहज ही विश्वास कर लेते थे। हालांकि कभी कभी कुछ स्वार्थी लोग इसका नाज़ायज़ फायदा भी उठा लेते थे। लेकिन ऐसा करने वालों के लिए भी उनके मन में दुराभाव नहीं रहता था। जब वह जनसम्पर्क विभाग के मंत्री थे, तब मैं उस समय के नेता प्रतिपक्ष श्रीमती जमुना देवी के स्टाफ में पदस्थ था। मुझे विभाग के तत्कालीन कमिश्नर ने लक्ष्मीकांत जी के यहां पदस्थ कर दिया। पदस्थ होने पर मैं शर्माजी से  मिला तो मैंने उन्हें बताया कि मैं नेता प्रतिपक्ष के यहाँ पदस्थ रहा हूँ। वह बोले कि इससे क्या फर्क पड़ता है? नौकरी में पदस्थापनाएँ बदलती रहती हैं। अब आप हमारे साथ काम करिये। यह बात उन्होंने इतनी सहजता से कही कि मैं दंग रह गया। उसके बाद जब मैंने काम करना शुरू किया तो हमारे अपसी विश्वास मे और वृद्धि होती गयी। मैंने भी उनके विश्वास पर खरा उतरने मे कोई कमी नहीं छोड़ी। जनसम्पर्क मंत्री के रूप मे उन्होंने पत्रकारों के हित मे अनेक कार्य किये। तहसील स्तर तक पत्रकारों को अधिमान्यता और सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना उन्हीं की पहल पर लागू की गयी। वह पत्रकारों से व्यक्तिगत रूप से जुड़े रहकर उनके सुख दुख मे सहभागी रहते थे। ईश्वर में अगाध आस्था रखने वाले शर्मा जी महामाई के अनन्य भक्त थे। हर साल चैत्र की नवरात्रि में सिरोंज स्थित महामाई के मंदिर मज हवन और विशाल भंडारा करवाते थे,जिसमे आसपास के दस बीस गांव के लोग पूरे परिवार के साथ भोजन प्रसादी पाते थे। अभिमान तो शर्माजी को छू तक नहीं गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारी उनके निवास पर आते ही रहते थे। उनके साथ वह जिस तरह विनम्रता से व्यवहार करते थे वह अनुकरणीय है। उनके साथ किसी कार्यक्रम में जाने पर शर्मा जी कभी भाषण नहीं देते थे। अपने विधानसभा क्षेत्र मे शर्माजी बहुत लोकप्रिय थे। संघ के स्वयंसेवक होने के बाद भी मुस्लिमों सहित सभी समुदायों के लोग उनसे दिल से जुड़े थे। उन्हें शर्मा जी पर पूरा विश्वास था। सच पूछिये तो वह एक फक्कड़ मिज़ाज के ऐसे जननेता थे जिन्हें सदा दूसरों का भला करने की धुन सवार रहती थी। संघ की पृष्ठभूमि, मुखर और सक्रिय व्यक्तित्व के साथ शर्मा जी अपने क्षेत्र में हमेशा लोकप्रिय बने रहे, लक्ष्मीकांत शर्मा सिरोंज के सरस्वती शिशु मंदिर में प्राइमरी कक्षा के बच्चों को पढ़ाया करते थे। इस दौरान वे आरएसएस से भी जुड़े और सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे। इसके बाद राजनीति के क्षेत्र में कदम रखने का मौका मिला और भाजपा में रहते हुए अपने क्षेत्र की आवाज बन गए। लक्ष्मीकांत शर्मा तीन भाईयों में दूसरे नम्बर पर हैं। लक्ष्मीकांत जी ने अपने परिवार को राजनीति से दूर रखा। सिरोंजवासी आज भी लक्ष्मीकांत शर्मा की तारीफ करते नहीं थकते। आज भी सिरोंज में राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल प्रतियोगिता आयोजित की जाती है जो उन्ही की देन है। लक्ष्मीकांत शर्मा जब संस्कृति मंत्री थे तब उन्होंने सिरोंज में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाया। सिरोंज लटेरी तो सिर्फ और सिर्फ लक्ष्मीकांत शर्मा के नाम से जानी जाती थी वह एक नेता ही नहीं दिलों की धड़कन थे जो हर सुख दुख के साथी थे| एक कुशल संगठक, योग्य प्रशाशक,सबकी मदद करने वाले, मृदुभाषी| वो लोगो का सम्मान करना जानते थे शायद इसी लिए उन्हें लोगो का बेपनाह सम्मान और प्यार मिला| एक सजग एवं कर्तव्यनिष्ठ जनप्रतिनिधि के रूप में आपको सदैव याद किया जाएगा। नियति के कठोर हाथों ऐसे सहृदय जननेता को असमय ही हमसे छीन लिया। उन्हें मैं सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूँ। उनकी पावन सदैव हमारे दिल में रहकर दूसरों का भला करने की प्रेरणा देती रहेगी। Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.