दिल टूटने पर इतना दुख और दर्द क्यों होता है... वैज्ञानिकों ने ढूंढा जवाब


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स्टोरी हाइलाइट्स

एक सर्वे के अनुसार उन लोगों के दिमाग के उस हिस्से को भी स्कैन किया गया जिनका दिल हाल के दिनों में टूटा था..!

दिल टूटने से इतना दर्द क्यों होता है? क्यों कुछ लोग इससे जल्दी ठीक हो जाते हैं, जबकि अन्य इसके कारण मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो जाते हैं। शोध से पता चलता है कि टूटे हुए दिल का दर्द सिर्फ दिमाग को प्रभावित नहीं करता है। इस बात से कुछ लोग नाराज होते हैं और कुछ खुश भी होते हैं।

किसी के प्यार में पड़ना और फिर उसमें गंभीरता से किसी से जुड़ना एक बहुत ही तीव्र एहसास है। इसमें लोग अजीब-अजीब हरकतें करते हैं। खुश होना मुस्कुराना, प्रेमी या प्रेमिका की याद में हंसना, कसमें खाना वादे करना । लेकिन जब वो उनसे दूर हो जाता है, तो कुछ लोगों पर तो कोRई असर नहीं होता लेकिन इनमें से कुछ बेहद परेशान हो जाते हैं। 

जब कोई रिश्ता टूटता है तो बहुत दर्द होता है। दिमाग काम करना बंद कर देता है। इसका शरीर पर भी विपरीत प्रभाव भी पड़ता है। दिल और दिमाग से संबंधित रोग हो सकते हैं। जानिए इसके पीछे का विज्ञान। दिल टूटने के बाद शरीर और मन पर प्रतिकूल प्रभाव। यह बड़ा ही दुखदायक है। इसके लिए जो हार्मोन्स जिम्मेदार होते हैं, उन्हें हार्टब्रेक हार्मोन कहते हैं।

वैज्ञानिक कारण बताने से पहले हम आपको सामान्य कारण बताते हैं। इस दौरान तनाव से संबंधित हार्मोन शरीर में अधिक स्रावित होते हैं। उदाहरण के लिए, कोर्टिसोल, एड्रेनालाईन और नॉरएड्रेनालाईन। इनके स्रावित होने से  सेरोटोनिन और ऑक्सीटोसिन जैसे हैप्पी हार्मोन का स्तर कम होने लगता है। लेकिन ये जानना जरूरी है कि दिल टूटने पर सबसे ज्यादा दर्द क्यों होता है?

एक फेमस डॉ कहती हैं कि दिल टूटने का बुरा असर सिर्फ दिमाग पर ही नहीं पड़ता यह पूरे शरीर को झकझोर देता है। क्योंॉकि जब आप प्यादर में होते हैं तो आपके शरीर में हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। इसमें हगिंग हॉर्मोन जिसे कडल हॉर्मोन कहा जाता है, ज्यादा रिलीज होता है ये ऑक्सीटोसिन है।

फील गुड हार्मोन डोपामाइन ज्यादा रिलीज होता है। लेकिन जल्द ही आप टूट जाते हैं। या फिर प्रेमी या प्रेमिका किसी तरह का धोखा दे देते हैं। तब इन अच्छे हार्मोन्स की मात्रा तेजी से घटती है। कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन का स्तर तेजी से बढ़ता है। तब आप व्याकुल हो जाते है, गुस्से और चिढ़ का एहसास होता है।

कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने पर रक्तचाप बढ़ जाता है। वजन बढ़ना शुरू हो जाता है। शरीर में दर्द, कील-मुंहासे या फोड़े-फुंसी निकल आते हैं। आप किसी के ब्रेकअप को उनकी पर्सनल प्रॉब्लम नहीं कह सकते। मनोवैज्ञानिक रूप से इसे सामाजिक अस्वीकृति कहा जा सकता है। इससे दिमाग का वह हिस्सा प्रभावित होता है, जिससे आपको शरीर में दर्द महसूस होता है।

एक सर्वे के अनुसार उन लोगों के दिमाग के उस हिस्से को भी स्कैन किया गया जिनका दिल हाल के दिनों में टूटा था। उनके दिमाग की मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) की गई। उस वक्त उन्हें उनके एक्स बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड की तस्वीर दिखाई गई थी। छवि को देखने से, एमआरआई से पता चला कि मस्तिष्क का वह हिस्सा सक्रिय था जो तब होता है जब कोई शारीरिक चोट लगती है। इसे द्वितीयक सोमाटोसेंसरी कॉर्टेक्स और पृष्ठीय पश्च इंसुला कहा जाता है।

दिमाग के इस हिस्से को इस तरह से सक्रिय करने से सीने में दर्द या पैनिक अटैक हो सकता है। जो लोग इस दर्द का अनुभव करते हैं उन्हें लगता है कि वे टूट चुके हैं। ऐसा लगता है, कि जैसे किसी ने उन्हें बहुत पीटा है। यानी दिल टूटने के बाद भी वैसा ही शारीरिक दर्द महसूस होता है जैसा कभी-कभी चोट लगने पर होता है।

दिल टूटने के दौरान तंत्रिका तंत्र के दो हिस्से काम करते हैं। पहली सहानुभूति जो हृदय गति को बढ़ाती है। उसी समय, एक और पैरासिम्पेथेटिक जो इसका सामना करता है। यानी यह शरीर को शांत रहने में मदद करता है। तंत्रिका तंत्र के ये दोनों भाग उसी हार्मोन द्वारा सक्रिय होते हैं जो दिल टूटने के दौरान निकलते हैं।

दिल टूटने का दिमाग और दिल दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसके कारण हृदय की गतिविधि गड़बड़ा सकती है। हृदय गति घट सकती है। जर्नल साइकोन्यूरोएंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट में पाया गया कि जब किसी के जीवनसाथी की मृत्यु होती है, तो 41 प्रतिशत संभावना होती है कि दूसरे साथी की मृत्यु पहले छह महीनों के भीतर हो जाती है। कमजोर दिल वाले लोगों को बेचैनी, थकान, तनाव, डिप्रेशन और खराब नींद की समस्या होती है।

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम एक दुर्लभ स्थिति है। इसे टैकोसुबो कार्डियोमायोपैथी भी कहा जाता है। इसको लेकर काफी तनाव है। तीव्र भावनाएँ उत्पन्न होती हैं। शारीरिक रोग शीघ्र हो सकते हैं। यह सीधे हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता को प्रभावित करता है। हृदय कमजोर हो जाता है। छाती में दर्द हो सकता है यहां तक कि हार्ट अटैक भी आ सकता है।  

दिल दुःखी होता है जब कोई मानव या पशु साथी गुजर जाता है। वह रोता है लेकिन शायद यह हमारे जीन्स में है कि हम अपनी भावनाओं को दिखाकर ही जीवित रह सकते हैं। यह जीन किसी भी सामाजिक या व्यक्तिगत बंधन को तोड़ने में मदद करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आप अपने रोमांटिक पार्टनर के साथ सिक्योर फील करते हैं।