भोपाल: मप्र सरकार के जल संसाधन विभाग ने अपने 106 बांधों के जलाशयों को फ्लोटिंग सोलर पावर के लिये चिन्हित किया है। दरअसल, भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों में फ्लोटिंग सोलर पावर के विकास से संबंधित मुद्दों की संभावनाओं के लिये एक समिति गठित की है एवं जलाशयों/जल निकायों पर फ्लोटिंग सोलर पावर की संभावनाओं के सर्वेक्षण और जांच के लिये गुजरात की एनएचपीसी को नामित किया है जिसने मेसर्स टाटा कल्सल्टेंसी इंजीनियर्स लिमिटेड को कार्यादेश दिया है।
मप्र के जल संसाधन विभाग ने अपने सभी क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं से कहा है कि वे टाटा कंन्सल्टेंसी को उक्त चयनित बांधों के वाटर लेवल, फ्लो, आउटफ्लो, वाटर वेलोसिटी के बारे में जानकारी प्रदान करें। इन चयनित 106 बांधें में जबलपुर का बरगी व रामपुराखुर्द, सतना का बाणसागर व टिल्लर, छिन्दवाड़ा का वेंग्यानाला, सुक्ता, देवगांव, पेंच डायवर्सन व कान्हरगांव, छतरपुर का उर्मिल, कुटनी, रंगावन व सिंहपुर बैराज बांधी भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि मप्र के खण्डवा जिले के ओंकारेश्वर में पूर्व से ही फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट स्थापित है।