मप्र का पर्वत पर स्थित माता बम्बरबैनी प्राचीन मंदिर पवित्र क्षेत्र घोषित हुआ


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स्टोरी हाइलाइट्स

छतरपुर जिले में स्थित यह मंदिर माता सीता के जीवन से जुड़ा होने के कारण बहुत महत्वपूर्ण है..!!

भोपाल: मप्र सरकार के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने छतरपुर जिले के ग्राम लवकुश नगर में स्थित माता बम्बरबैनी प्राचीन स्थल मंदिर स्थित खसरा क्रमांक 2157 रकबा 0.012 तथा खसरा नंबर 2158 रकबा 30.375 हैक्टेयर पहाड़ क्षेत्र को पवित्र क्षेत्र घोषित कर दिया है। अब इस पहाड़ और उसके आसपास शराब एवं मांस की बिक्री नहीं हो सकेगी।

उल्लेखनीय है कि छतरपुर जिले में स्थित यह मंदिर माता सीता के जीवन से जुड़ा होने के कारण बहुत महत्वपूर्ण है। यह छतरपुर जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर है तथा यहां 900 साल पुराना माता बम्बरबैनी मंदिर है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां माता पहाड़ को चीरकर प्रगट हुई थीं। यहां आज भी पहाड़ चिरा हुआ दिखाई देता है और माता लेटी हुयी दिखती हैं। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान राम ने माता सीता का परित्याग कर दिया था तब सीता माता यहीं पर रुकी थीं। पहाड़ के नीचे महर्षि बाल्मीक का आश्रम भी है। महर्षि बाल्मीक ने माता सीता को वन देवी का नाम दिया था जिसके बाद इनका नाम बम्बरबैनी पड़ गया। लोग बम्बरबैनी माता को सीता का रूप मानते हैं। यही कारण है कि यहां बंदरों की भरमार है। 1775 ईसवी में पन्ना महाराज ने इस स्थल पर मंदिर का निर्माण कराया था।