स्टोरी हाइलाइट्स
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर के असमय निधन के बाद रिक्त हुई निवाडी विधानसभा सीट पर होने जा रहे....
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर के असमय निधन के बाद रिक्त हुई निवाडी विधानसभा सीट
पवन देवलिया
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर के असमय निधन के बाद रिक्त हुई निवाडी विधानसभा सीट पर होने जा रहे उप चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों की सक्रियता क्षेत्र मे बढ गई है, दमोह उप चुनाव में पराजित होने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा इस उप चुनाव में फूंक फूंककर कदम आगे बढा रही है । भाजपा के लिए चिंता का मुख्य कारण 2018 का विधानसभा चुनाव है, जिसमें भाजपा चौथे नम्बर पर थी और महज 10 हजार मत प्राप्त हुए थे ।
नम्बर एक पर कांग्रेस के बृजेन्द्र राठौर, 45 हजार मत लेकर दूसरे नम्बर पर सपा के शिशुपाल यादव थे, तीसरे पर बीएसपी के नंदराम कुशवाहा को 31 हजार मत मिले थे , भाजपा के तात्कालिक जिला अध्यक्ष अभय यादव को महज 10 हजार मत मिले थे और वह चौथे स्थान पर थे ।
कांग्रेस के दिवंगत नेता बृजेन्द्र राठौर को कमलनाथ सरकार कैबिनेट मंत्री बनाया गया था, मंत्री बनने के बाद राठौर ने अपने क्षेत्र में सहजता बरकरार रखी उनके निधन के बाद उनके बेटे नितेन्द्र राठौर कांग्रेस के एक तरह से घोषित प्रत्याशी है । पिता की राजनैतिक और सामाजिक विरासत सभाल रहे नीटू राठौर का पिछले दो दशकों से क्षेत्र की जनता से सीधा संवाद रहा है इसी कारण से कांग्रेस को संजीवनी मिल रही है ।
[caption id="attachment_78759" align="aligncenter" width="1200"] दिवंगत कांग्रेस नेता बृजेन्द्र सिंह राठौर[/caption]
वही दूसरी ओर सत्तारूढ़ भाजपा आपसी कलह से जूझ रही है पिछले चुनाव में दूसरे नम्बर पर रहे सपा प्रत्याशी शिशुपाल यादव ने 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा में शामिल होकर अपनी दावेदारी कर रहे है,वही दूसरे सशक्त दावेदार गनेशी लाल नायक है, नायक संघ पृष्ठ भूमि के कार्यकर्ता है, इसके साथ ही दिवंगत भाजपा नेता पूर्व मंत्री सुनील नायक के चुनावों का संचालन संभालते रहे, स्थानीय होने के साथ ही जाना पहचाना जनाधार माना जाता है ,वही शिशुपाल यादव यूपी के तालबेहट से आकर राजनीति करते है और यादव वोट के सहारे टिकट की दावेदारी कर रहे है।
स्थानीय भाजपा में एका नहीं होने का लाभ भी कांग्रेस को मिलेगा, प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव है जो पहले भी टीकमगढ जिले के प्रभारी मंत्री रह चुके है, भार्गव के पिछले प्रभार काल के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं में भार्गव के प्रति भारी असंतोष है,वर्तमान मे कांग्रेस शासन में नियुक्त कर्मचारी/ अधिकारियों को अब तक नहीं हटाने मे भार्गव की भूमिका संदेह जैसी है इस क्षेत्र मे भार्गव से ज्यादा उनके कर्ताधर्ता राय की लोकप्रियता है जिसका नुकसान भाजपा को होगा।
निवाडी विधानसभा में भाजपा ने लगातार जीतकर कीर्तिमान बनाया परंतु जिले मे मात्र दो विधानसभा क्षेत्र होने का अभिश्राप भी भाजपा झेल रही है । निवाडी विधायक अनिल जैन से भाजपा संघठन को निपटना मुश्किलों भरा होगा जिले मे भाजपा का एक मात्र विधायक होने से अब जैन निर्णायक भूमिका में है, पृथ्वीपुर में भाजपा के जीतने से अनिल जैन के लाभ प्रभावित होगें यह चर्चा स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता करते देखे जा सकते है । इन्हीं सभी कारणों से भाजपा नेतृत्व पृथ्वीपुर विधानसभा को ज्यादा तबज्जो नही दे रही है ।
बहरहाल कांग्रेस की ओर से कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, जयवर्धन सिंह की प्रभावी भूमिका चुनाव में रहेगी वही भाजपा ने मंत्री अरविन्द भदौरिया को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सौंपी है ।
मंत्री भदौरिया के साथ दूसरे मंत्री भारत सिंह कुशवाहा है और संघठन ने प्रदेश महामंत्री हरीशंकर खटीक को पृथ्वीपुर मंडल, उपाध्यक्ष मुकेश चतुर्वेदी को मोहनगढ मंडल की चुनावी जिम्मेदारी दी है ।
एमपी में खंडवा लोकसभा के साथ ही जोबट, रैगांव और पृथ्वीपुर विधानसभा चुनाव होने जा रहे, खडवा लोकसभा और रैगांव विधानसभा सीट पर भाजपा और जोबट,पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी । प्रदेश में भाजपा की सरकार है और आने वाले नगरीय निकाय चुनाव में उत्साह बनाये रखने के लिए जीत जरुरी है, वही कांग्रेस के पास खोने के लिए अब कुछ नही है, कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनावों की रणनीति में ज्यादा ध्यान केन्द्रित कर रही है ।
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