MP News: मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है। इंदौर में शुक्रवार को एक बार फिर बड़ी कार्रवाई हुई। लोकायुक्त टीम ने जिला परियोजना समन्वयक (DPC) को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। स्कूल संचालक दिलीप बुझानी की शिकायत के बाद कार्रवाई की गयी। उन्होंने आरटीआई कार्यकर्ता संजय मिश्रा पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया। जानकारी के मुताबिक, संजय मिश्रा ने दिलीप बुझानी से 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। स्कूल की मान्यता की जांच रोकने की गारंटी दी गई।
फरियादी दिलीप बुझानी ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। लोकायुक्त ने शिकायत का सत्यापन किया। सत्यापन के दौरान शिकायत सही पाई गई। लोकायुक्त टीम ने इसके लिए एक कार्ययोजना बनाई। दिलीप बुझानी की ओर से डीपीसी को लोकायुक्त की टीम ने एक लाख की पहली किस्त लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। इस गिरफ्तारी को लोकायुक्त टीम के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है।
इसके चलते भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की प्रतिबद्धता एक बार फिर साबित हुई है। लोकायुक्त ने डीपीसी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 सरकारी कर्मचारियों से रिश्वत मांगने या भुगतान करने से संबंधित मामलों में लागू की जाती है। लोकायुक्त की जांच जारी है।
आपको बता दें कि लोकायुक्त छापे में भोपाल स्थित तकनीकी शिक्षा विभाग के जूनियर ऑडिटर रमेश हिंगोरानी को काली कमाई का धन कुबेर पाया गया है। जूनियर ऑडिटर के घर छापेमारी में रु. 90 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज बरामद किये गये। रमेश हिंगोरानी ने रियल एस्टेट और ब्याज कारोबार में भी निवेश किया है। लोकायुक्त की टीम संपत्ति के दस्तावेजों की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि जांच के बाद बड़ा खुलासा हो सकता है।