भोपाल: राज्य के गृह विभाग ने मॉब लिंचिंग यानि भीड़ जनित हिंसा रोकने के लिये जिलों के पुलिस अधीक्षकों को नोडल अधिकारी बनाया है। नोडल अधिकारी की सहायता हेतु एक डीएसपी भी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी अपने जिले में मॉब वायलेंस/ मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने व उन पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिये उत्तरदायी रहेंगे। नोडल अधिकारी को आईजी द्वारा गठित टास्क फोर्स उकसाने वाले भ्रामक समाचारों, भाषणों, अफवाहों, सोशल मीडिया के कमेंन्ट्स, समुदायों के बीच घृणा फैलाने वाले संदेशों से नियमित रुप से अवगत करायेगी।
गृह विभाग ने कहा है कि ऐसे जिलों/उपखण्डों/ग्रामों की सतत रुप से पहचान की जाये जहां विगत 5 वर्षों में मॉब लिंचिंग की घटनायें हुई हैं तथा ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में प्रभावी पुलस पैट्रोलिंग की जाये। संवेदनशील क्षेत्रों की सूची राज्य शासन को उपलब्ध कराई जाये। स्थानीय इंटेलीजेंस शाखा, सभी थाना प्रभारियों एवं चौकी प्रभारियों के साथ नियमित रुप से माह में एक बार बैठक आयोजित करें। डीजीपी/गृह सचिव द्वारा मॉब लिंचिंग की घटनाओं के संबंध में नियमित रुप से प्रति तिमाही में, एडीजीपी गुप्तवार्ता एवं सभी नोडल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।