ऊर्जा भवन राज्य का सबसे ऊर्जा दक्ष भवन


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स्टोरी हाइलाइट्स

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने दिया स्टार रेटिंग..!

भोपाल। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकार द्वारा ऊर्जा संरक्षण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में मप्र ऊर्जा निगम को निगम मुख्यालय भवन (ऊर्जा भवन) को ऊर्जा दक्षता मे फाइव-स्टार रेटिंग दी है। यह तीन वर्ष तक मान्य होगी। यह भवन, ऊर्जा के दक्ष उपयोग और संरक्षण के लिए एक उदाहरण पेश करेगा। यह सर्टिफिकेट उन इमारतों को दिया जाता है, जो ऊर्जा की दक्षता और बचत के मानकों को पूरा करते हैं।

ऊर्जा भवन ने अपने आधारभूत संरचना, वातावरण अनुकूल डिजाइन, ऊर्जा कुशल उपकरण, रोशनी और वायु गुणवत्ता प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग और अन्य उपायों के माध्यम से ऊर्जा की बचत करने में कामयाबी हासिल की है। पारम्परिक ऊर्जा के स्थापन पर सोलर एनर्जी के उपयोग को प्राथमिकता दी है।

प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने कहा कि ऊर्जा भवन एक आदर्श ऊर्जा दक्ष बिल्डिंग है, जो ऊर्जा की दक्षता और बचत के लिए अनुकरणीय है। उल्लेखनीय है कि, ऊर्जा भवन, भोपाल, का निर्माण वर्ष 1997 मे पूरा हुआ था। इतना पुराना भवन होने के बाद भी निगम के प्रयासों ने इसे एक आधुनिक और ऊर्जा दक्ष भवन बनाए रखा है। 

इसमें विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया गया है, जैसे कि एकीकृत ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली, एलईडी लाइटिंग, वायु परिवहन प्रणाली, ऊर्जा कुशल उपकरण और सौर ऊर्जा का उपयोग। इस भवन की ऊर्जा खपत औसतन सामान्य भवन की तुलना मे काफी कम है। ऊर्जा भवन का ईपीआई (ऊर्जा दक्षता मापने की एक इकाई) मात्र 3.9 है जो कि, अत्यन्त ही न्यूनतम है एवं ऊर्जा दक्षता को प्रदर्शित करती है।

जलवायु परिवर्तन के पेरिस सम्मेलन में यह निश्चित किया गया कि पृथ्वी की सतह का तापमान 2 डिग्री से अधिक न बढ़े इसके लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सघन प्रयास किये जायें और पृथ्वी की सतह का तापमान 1.5 डिग्री से अधिक न बढ़े इसके लिये विशेष प्रयास किये जायें। इस 1.5 डिग्री के संकल्प को बचाने के लिए सभी देशों द्वारा अपनी घरेलू, सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के दृष्टिगत राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित किये हैं। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि 1.5 डिग्री के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे पास सिर्फ 2030 तक का ही समय है।