NEET-UG: SC ने खारिज की NEET-UG छात्रों की री-एग्जाम याचिका, कहा- काउंसलिंग शुरू हो गई, परीक्षा संभव नहीं


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स्टोरी हाइलाइट्स

NEET-UG: सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के निष्कर्ष सही हैं, री-एग्जाम का आदेश देना कोर्ट के हाथ में नहीं है, क्योंकि यह NTA का अधिकार है..!!

NEET-UG: सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG छात्रों की पुनर्परीक्षा की याचिका खारिज कर दी है। शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि मध्य प्रदेश HC की इंदौर पीठ के निष्कर्ष सही हैं। पुनर्परीक्षा का आदेश देना कोर्ट के हाथ में नहीं है, क्योंकि यह NTA का अधिकार है।

NEET-UG अभ्यर्थियों की पुनर्परीक्षा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर की पीठ ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के फैसले को बरकरार रखा। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट सहित सभी संभावित पहलुओं की जाँच की है।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि काउंसलिंग के लिए पात्र छात्र पंजीकरण प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे। 52 छात्रों ने उच्च न्यायालय के पुनर्परीक्षा के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभ्यर्थियों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता मृदुल भटनागर ने दलील दी कि बिजली कटौती के दौरान परीक्षा केंद्रों पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। वहीं, एनटीए की ओर से पेश हुए अधिवक्ता तुषार मेहता ने दलील दी कि परीक्षा केंद्रों पर मोमबत्ती, इनवर्टर आदि की व्यवस्था की गई थी।

सॉलिसिटर एडवोकेट जनरल तुषार मेहता ने कहा कि देश भर से लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे, अब काउंसलिंग का समय आ गया है। ऐसे में इन छात्रों की पुनर्परीक्षा संभव नहीं है।

इंदौर में बारिश से प्रभावित हुई नीट परीक्षा में मध्य प्रदेश के 75 छात्रों की दोबारा परीक्षा कराने के लिए एक याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने एनटीए को 75 छात्रों की दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया था। वहीं, हाईकोर्ट के इस आदेश को एनटीए ने डबल बेंच में चुनौती दी थी। जिस पर डबल बेंच ने रोक लगा दी थी।

देश भर में 4 मई को नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की गई थी। इस दौरान बारिश और आंधी के कारण इंदौर और उज्जैन के कई केंद्रों पर बिजली गुल हो गई थी। जिससे परीक्षार्थियों को अंधेरे में पेपर देना पड़ा और उनकी परीक्षा प्रभावित हुई।