मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले विधानसभा सचिवालय ने एक बड़ा आदेश जारी किया है। सचिवालय ने सभी मंत्रियों और विधायकों को पत्र भेजकर विधानसभा अध्यक्ष के स्थायी आदेश 94(2) के तहत विधानसभा परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। पत्र में मंत्रियों और विधायकों के सुरक्षाकर्मियों के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सत्र के दौरान ड्यूटी पर तैनात अंगरक्षकों के प्रवेश पर रोक रहेगी।
सचिवालय के इस फ़ैसले के खिलाफ़ प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। 27 जुलाई को कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंह और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ एक बड़ी बैठक बुलाई है। इसमें विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को घेरने और नए नियमों का विरोध करने की रणनीति बनाई जाएगी।
इस लेकर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करके विरोध जताते हुए लिखा है, कि..
आज सरकार के दबाव में विधानसभा अध्यक्ष जी ने परिसर के अंदर प्रदर्शन करने और जनता की आवाज़ उठाने पर विधायकों को रोक लगाई है। दरअसल, विपक्ष लगातार विधानसभा अध्यक्ष से सदन की कार्यवाही को लाइव करने की मांग कर रहा है। इसके उलट, विधानसभा अध्यक्ष सरकार के दबाव में अब विधायकों को जनता के मुद्दे उठाने से भी रोक रहे हैं।
यह बात याद दिलाने योग्य है कि संविधान की धारा 194 विधायकों को विशेष शक्तियाँ देता है, जिसका इस्तेमाल कर वे जनता के हित से जुड़े मुद्दों को सदन में उठाते हैं, अपनी बात रखते हैं और सरकार से जवाब मांगते हैं। विधानसभा में झूठे एवं फर्जी आँकड़े देने वाली सरकार खुद को एक्सपोज़ होने से बचाने के लिए अध्यक्ष जी पर दबाव बनाकर इस तरह के नियम और फरमान जारी करवा रही है।
यह लोकतंत्र की हत्या है। सरकार ना विधानसभा की कार्यवाही को लाइव होने दे रही हैं, ना प्रदर्शन करने दें रही हैं और अब नारे लगाने पर भी रोक लगा रही हैं। हम इसका खुलकर विरोध करते हैं और पूर्व की तरह आगामी सत्र में हम ज़ोर-शोर से जनता के मुद्दे उठाएंगे।
मीडिया कवरेज के लिए भी कड़े नियम तय किए गए हैं। विधानसभा सचिवालय ने पत्रकारों के लिए भी नए नियम लागू किए हैं। जिनमें कवरेज केवल निर्धारित स्थान से ही की जाएगी। सदन के सामने वीआईपी क्षेत्र में मीडिया बाइट लेने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। पत्रकार केवल समिति कक्ष के सामने ही बयान ले सकेंगे। प्रेस गैलरी में फोटो और वीडियो लेने पर कार्रवाई की चेतावनी। विधानसभा पास के साथ पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा, बिना दस्तावेज के प्रवेश नहीं दिया जाएगा।