अब मप्र में नदी उद्गम स्थल, नर्मदा परिक्रमा स्थल व एक बगिया मां के नाम पर पौधरोपण कार्यक्रम चलेगा


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स्टोरी हाइलाइट्स

छोटी-बड़ी 86 नदियों के उद्गम स्थलों के पास 10 एकड़ शासकीय भूमि पर तथा मां नर्मदा परिक्रमा स्थल पर आश्रय स्थलों की भूमि पर सघन पौधरोपण 15 अगस्त तक किया जायेगा..!!

भोपाल: मप्र में अब सरकारी सहायता से वर्तमान वर्षाकाल में पौधरोपण के तीन कार्यक्रम चलेंगे। इनमें 36 जिलों में स्थित छोटी-बड़ी 86 नदियों के उद्गम स्थलों के पास 10 एकड़ शासकीय भूमि पर तथा मां नर्मदा परिक्रमा स्थल पर आश्रय स्थलों की भूमि पर सघन पौधरोपण 15 अगस्त तक किया जायेगा जबकि एक बगिया मां के नाम के तहत सभी जनपदों में न्यूनतम एक एकड़ भूमि पर फलदार पौधों का रोपण 15 अगस्त से 15 सितम्बर तक किया जायेगा।

नदियों के उद्गम स्थल पर पौधरोपण में तार फेंसिंग भी करना जरुरी होगा लेकिन वहां वन भूमि होने पर न ही पौधरोपण होगा और न ही तार फेसिंग। इसमें स्वेच्छिक संस्थायें भी अपने व्यय पर पौधरोपण कर सकेंगी। नर्मदा परिक्रमा स्थल एवं नदी उद्गम स्थल पर पौधरोपण में जिलों की जलवायु के अनुसार पौधरोपण होगा। 

जैसे जबलपुर जिले में शीशम, बांस, पीपल, चिरोल, अर्जुन, महुआ, आम व जामुन, सतना जिले में खमेर, सीरस, नीम, साजा, करंज, महुआ, सिंगरौली जिले में करंज, बांस, नीम, खमेर, शीशम, अर्जुन, महुआ, आम व जामुन, छतरपुर जिले में सिरस, नीम, कैथा, अचार, बांस, महुआ, आम व जामुन, छिन्दवाड़ा जिले में शीशम, नीम, अर्जुन, अशोक, बांस, सेमल, करंज, महुआ, आम व जामुन।

इसी प्रकार, दुर्लभ वानिकी प्रजातियों के अंतर्गत जबलपुर में केकड़ पाडर, सतना में लोध्र, कुभी व गबदी,सिंगरौली में सोनापाठा, गरुड़ वृच, छतरपुर में गधा पलाश यानि हडुआ तथा छिन्दवाड़ा में धनकट, सलई हल्दू, अंजन व मोखा के पौधे लगाये जायेंगे। एक बगिया मां के नाम अभियान में आजीविका मिशन से जुड़ी स्वसहायता समूह की महिला सदस्य पौधरोपण करेगी।