प्रदेश में अब ग्राम पंचायतों में भी सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तीन साल बाद ही लाया जा सकेगा


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स्टोरी हाइलाइट्स

सरपंचों के प्रति अविश्वास का प्रस्ताव तीन चौथाई बहुमत से पास करने एवं 3 वर्ष पश्चात अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान नगरीय निकायों की तरह पंचायत में भी किया जायेगा..!!

भोपाल: अब प्रदेश में ग्राम पंचायतों के सरपंचों के प्रति अविश्वास का प्रस्ताव तीन चौथाई बहुमत से पास करने एवं 3 वर्ष पश्चात अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान नगरीय निकायों की तरह पंचायत में भी किया जायेगा। 

अधिकृत जानकारी के अनुसार, भवन विहीन ग्राम पंचायतों हेतु 1400 ग्राम पंचायत भवनों की स्वीकृति प्रथम चरण में जारी की जा रही है। स्थानीय ग्रामीण समुदाय हेतु सामुदायिक भवनों का निर्माण भी चरणवद्ध रूप से किया जाएगा। 

महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत श्रम सामग्री (60:40) का अनुपात अभी तक जिला स्तर पर संधारित किया जाता था। अब इसको जनपद स्तर पर संधारित किया जाएगा। 25 लाख तक के कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के अधिकार सरपंचों को दिए गए हैं। तकनीकी स्वीकृति सहायक यंत्री को अधिकृत किया जा चुका है। 

महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत कपिलधारा की इकाई लागत राशि तथा पेयजल हेतु बनाने वाले सामुदायिक कूप की लागत राशि में अंतर है। इसको युक्ति युक्त करने का अनुरोध किया गया है। इस पर विचार किया जाएगा। 

पंचायत राज ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 का दुरुपयोग सरपंच के विरुद्ध ना हो इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे। सीएम हेल्पलाइन 181 पर झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले तथा आदतन शिकायतकर्ता के संबंध में आवश्यक कार्रवाई हेतु लोक सेवा प्रबंधन विभाग से कहा गया है। ग्राम रोजगार सहायक की सीआर हेतु मूल्यांकन प्रपत्र का स्वीकारकर्ता अधिकारी सरपंच को बनाया गया है।