स्टोरी हाइलाइट्स
भोपाल: प्रदेश में अब प्री प्रायमरी स्कूलों को बिना रजिस्ट्रेशन के नहीं खोला जा सकेगा तथा उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग...
प्रदेश में अब प्री प्रायमरी स्कूलों को महिला व बाल विकास विभाग से पंजीयन कराना होगा.. डॉ. नवीन जोशी
भोपाल: प्रदेश में अब प्री प्रायमरी स्कूलों को बिना रजिस्ट्रेशन के नहीं खोला जा सकेगा तथा उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग से पंजीयन कराना होगा। विभाग इसके लिये नियम तैयार कर रहा है तथा जल्द ये जारी कर दिये जायेंगे।
उल्लेखनीय है कि कक्षा एक से बारहवीं तक के स्कूलों का पंजीयन स्कूल शिक्षा विभाग करता है लेकिन एक सये तीन वर्ष के बच्चों के प्री प्रायमरी स्कूलों (प्री नर्सरी, नर्सरी, केजी वन एवं केजी टु) को बिना किसी अनुमति या पंजीयन के खोल दिया जाता है। चूंकि मामला बच्चों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से जुड़ा है और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इसके बारे में उपबंध हैं, इसलिये अब राज्य का महिला एवं बाल विकास विभाग वे मापदण्ड तैयार रहा है जिनके तहत प्री प्रायमरी स्कूल खोले जा सकेंगे या संचालित किये जा सकेंगे। इस संबंध में विभाग नियम तैयार कर रहा है।
नियमों में प्रावधान किया जा रहा है कि प्री प्रायमरी स्कूल खोलने के लिये कितनी भूमि होगी और कितने आकार के कक्ष होंगे। साथ में बच्चों के खेलने के साधन क्या होंगे एवं स्कूल में शौचालयों की कैसी व्यवस्था रहेगी। वर्तमान में प्रदेश में संचालित हो रहे एवं नये खुलने वाले प्री प्रायमरी स्कूलों को भी इन नियमों के तहत अपना रजिस्ट्रेशन महिला एवं बाल विकास विभाग में कराना होगा तथा रजिस्ट्रेशन के एवज में निर्धारित शुल्क भी लिया जायेगा। ऐसे स्कूलों में तैनात किये जाने वाले शिक्षकों की योग्यता का भी नियमों में निर्धारण किया जायेगा।
ऑनलाईन भी होगा रजिस्ट्रेशन :
प्री प्रायमरी स्कूलों का ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन भी हो सकेगा। इसमें स्कूल में प्रवेशित बच्चों के नाम एवं उनके आधार नंबर भी देने होंगे। विभाग तो कोई स्कूल नहीं खोलेगा लेकिन निजी स्कूलों के लिये बंधनकारी होगा कि वे नियमों का पालन करते हुये स्कूल संचालित करें।