भोपाल: प्रदेश की 259 कृषि उपज मंडियों की अब कृषक केंद्रित सुविधायें एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थायें करने के आधार पर रैंकिंग की जायेगी तथा रैंकिंग देने के बाद राज्य मंडी बोर्ड के उच्च अधिकारियों द्वारा इनका निरीक्षण भी किया जायेगा जिसमें देखा जायेगा कि दी गई रैंकिंग के अनुसार सुविधायें एवं व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं या नहीं।
इन आधारों पर होगी रैंकिंग :
अनिवार्य सुविधाओं के अंतर्गत मंडी कार्यालयों में नियमित उपस्थिति, ड्रेस कोड, डिजिटल व्यवस्था, स्वच्छता, नीलामी हेतु पर्याप्त शेड, ढेरी प्रथा का उन्मूलन एवं ट्राली से नीलामी, इलेक्ट्रानिक तौल, कृषक को उसी दिन भुगतान, अतिक्रमणमुक्त प्रांगण, शुध्द आरओ जल जबकि विकसित की जाने वाली सुविधाओं के अंतर्गत इलेक्ट्रानिक बूम बैरियर, बैंक-एटीएम, सोलर व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा कक्ष और नवाचार सुविधाओं के अंतर्गत कान्फ्रेंस हॉल, आटोमैटिक पैंकिंग, कोल्ड स्टोरेज, एमपी ऑनलाईन कियोस्क, फायनेंस सुविधा।