कुबेरेश्वर धाम में तीसरे दिन भी एक श्रद्धालु की मौत, अब तक कुल 6 लोगों ने गंवाई जान


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स्टोरी हाइलाइट्स

हर साल रुद्राक्ष महोत्सव कराने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की ज़िद के चलते धाम में श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला जारी है..!!

सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में भारी अव्यवस्था के बीच रुद्राक्ष महोत्सव चल रहा है। हर साल रुद्राक्ष महोत्सव कराने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की ज़िद के चलते धाम में श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला जारी है। 

मंगलवार 5 अगस्त को भारी भीड़ के बीच दो महिला श्रद्धालुओं की मौत के बाद, बुधवार को हरियाणा, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, तीन घायल हैं। वहीं अब एक और श्रद्धालु की मौत की खबर सामने आई है। यानी, मौतों का सिलसिला तीसरे दिन भी जारी है। अव्यवस्था के कारण कुबेरेश्वर धाम में तीन दिन में 6 मौतें हो चुकी हैं। मिश्रा ने बिना किसी तैयारी और व्यवस्था के कांवड़ यात्रा का आयोजन किया।

नतीजा यह हुआ कि बुधवार तक लगभग ढाई लाख श्रद्धालु वहाँ पहुँच गए। इसी दौरान बुज़ुर्ग और अन्य श्रद्धालु गिर पड़े तो उन्हें संभलने का मौका ही नहीं मिला। इसी हठधर्मिता के चलते कावड़ यात्रा के कारण इंदौर-भोपाल हाईवे और डायवर्जन रोड पर लगे 18 किलोमीटर लंबे जाम में लोग फंसे रहे। वहीं प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। मंगलवार 5 अगस्त रात 8 बजे से बुधवार 6 अगस्त तक दोपहर 2 बजे तक 20 घंटे तक वाहन फंसे रहे। एम्बुलेंस भी फंसी रही। प्रत्येक वाहन को निकलने में 5 घंटे लग गए।

कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि समिति और प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की थी, लेकिन जैसे कुंभ में श्रद्धालुओं के सैलाब का अंदाज़ा कोई नहीं लगा सकता, वैसे ही यहाँ भी नहीं था। उम्मीद से ज़्यादा श्रद्धालु आए। पंचवाल गुजरात से आए चतुर भाई (50) आनंद होटल के पास भीड़ में गिरकर घायल हो गए। जिला अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई। झज्जर रोहतक (हरियाणा) से ईश्वर सिंह यादव (65) अपनी पत्नी सुशीला के साथ पहुँचे। 

कुबेरेश्वर धाम में ही भीड़ में गिर पड़े। इसके बाद वे खड़े नहीं हो सके और उनकी मृत्यु हो गई। कावड़ यात्रा के दौरान धक्का लगने से सुनीता (50) का पैर टूट गया। नागपुर की मनीषा (48) बेहोश हो गईं। आधे घंटे तक वहीं पड़ी रहीं, उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत नाजुक है। भीड़ में घायल हुए रायपुर (छत्तीसगढ़) के दिलीप सिहारी (57) की भी मृत्यु हो गई।

गुरुवार, 7 अगस्त को सुबह एक और श्रद्धालु की मृत्यु की खबर आई है। मृतक का नाम उपेंद्र गुप्ता, पिता प्रेम गुप्ता, उम्र 22, निवासी बारा टोला, जिला गोरखपुर, उत्तर प्रदेश है। शव को जिला अस्पताल भेज दिया गया है, दोपहर में पोस्टमार्टम होगा। कांवड़ यात्रा के चलते सीहोर समेत इंदौर-भोपाल स्टेट हाईवे पर लंबा जाम लग गया। प्रशासन द्वारा बनाए गए डायवर्जन रूट पर भी 18 किलोमीटर तक 20 घंटे तक जाम लगा रहा। 

मंगलवार रात 8 बजे से बुधवार दोपहर 2 बजे तक क्रिसेंट चौराहे से लेकर भाऊखेड़ी, अमलाहा तक वाहनों का रेला लगा रहा। एक-एक वाहन को निकालने में 4-5 घंटे लग गए। सीहोर में सीवन नदी चौराहे से चौया चौपाल और कुबेरेश्वर धाम तक 12 किलोमीटर तक कांवड़ यात्रा चल रही है। हालात ऐसे हैं कि सड़क पर पैर रखने की जगह नहीं है। लोग अपने घरों में कैद हैं। हाईवे पर करीब 3500 वाहन फंसे हुए हैं। एम्बुलेंस तक को रास्ता नहीं मिल रहा है।

कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह 9 बजे सीवन नदी के तट पर पहुँचे। काँवड़ में जल लेकर 12 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद, वे कुबेरेश्वर धाम के लिए रवाना हुए। उनके साथ भक्तों की भारी भीड़ थी। 7 घंटे की लंबी यात्रा के दौरान वे नाचते रहे। भक्तों की मौत का ज़रा भी अफ़सोस उनके चेहरे पर नहीं दिखा।

सीवन नदी से जल लेकर कुबेरेश्वर धाम पहुँचे भक्तों को आश्रम की महिलाओं और बच्चों के लिए पीने का पानी तक नहीं मिला। मंगलवार रात लोगों ने फुटपाथ, मंदिर परिसर और रेलवे स्टेशन पर समय बिताया और सुबह खुले में शौच जाना पड़ा।

धाम में पहले भी अव्यवस्थाओं के चलते कई श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन इस बार भी अव्यवस्थाओं कते चलते आगन्तुकों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है।  ऐसा कहा जा रहा है, कि प्रशासन और समिति ने पिछले अनुभवों से कोई सबक नहीं सीखा। कार्यक्रमों में अचानक भीड़ उमड़ पड़ती है। इसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया।