भोपाल: नर्मदापुरम वन मंडल के इटारसी रेंज की बीट छिपीखापा में वर्ष 2024 से 2025 के बीच हुई गोल्डन टीक सागौन की अवैध कटाई में अब तक एक हजार ठूँठ की काउंटिंग और हानि की राशि लगभग दो करोड़ तक पहुंची चुकी है। अब पीसीसीएफ संरक्षण विभाष ठाकुर मंगलवार को भोपाल से राज्य स्तरीय उड़न दस्ता भेजकर उसका आकलन करने जा रहे हैं। ठाकुर ने उड़न दस्ता प्रभारी को सात दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
गंभीर जनक पहलू यह है कि एक वर्ष से छिपीखापा सागौन वृक्ष कटते रहे और नर्मदपुरम डीएफओ और उनका फील्ड स्टॉफ उसे रोकने में असमर्थ रहा। यही नहीं, सीएफ अशोक कुमार तो अब तक एक बार भी छिपीखापा निरीक्षण करने नहीं पहुंचे।
छिपीखापा बीट आरएफ-112 में सागौन की कटाई और तस्करी रोकने में असमर्थ रहे वन अधिकारियों द्वारा मुख्यालय को लगातार भ्रामक जानकारियां भेजी जा रही थी। इस पर विराम लगाने एवं अधिकारियों की रिकॉर्ड में की गई हेराफेरी की वास्तविकता पता करने प्रधान मुख्य संरक्षक ठाकुर द्वारा ने राज्य स्तरीय जांच दल को मंगलवार को इटारसी भेजा रहा है। हालांकि उड़न दस्ता प्रभारी भी लीपापोती करने के माहिर खिलाड़ी बताएं जाते हैं।
इस मामले में शिकायतकर्ता मधुकर चतुर्वेदी की मांग है कि किसी एपीसीसीएफ स्तर के अधिकारी से पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए। इस मामले में पीसीसीएफ संरक्षण विभाष ठाकुर के निर्देश पर अब तक एसडीओ और रेंजर को आरोप पत्र दिए जा चुके है और चार वनकर्मियों सस्पेंड किया गया है। जबकि इसके लिए वन कर्मचारियों द्वारा डीएफओ की कार्य प्रणाली को जिम्मेदार बताया है।
बताया जाता है कि परिक्षेत्र सहायक पांडरी के हरदा स्थानांतरण उपरांत इस उप परिक्षेत्र में किसी कर्मचारी ओर पर्याप्त चौकीदारों की व्यवस्था नहीं की गई। इसके फलस्वरूप सुरक्षा व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई।
गणेश पाण्डेय