दूध ढबरे का ढक्कन पहनकर भरवाया पेट्रोल, वीडियो वायरल..प्रशासन ने सील किया पंप


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स्टोरी हाइलाइट्स

हेलमेट की बजाय सिर पर दूध के कार्टन का ढक्कन रखकर पंप से पेट्रोल भरवाने पर सख्त कार्रवाई..!

मध्य प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए, कई शहरों में दोपहिया वाहन चालकों के लिए एक बार फिर से वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इस आदेश को प्रभावी बनाने के लिए कई जिलों में बिना हेलमेट पेट्रोल की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। 

ऐसे में, राज्य की आर्थिक नगरी इंदौर, राजधानी भोपाल और भिंड में बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं दिया जा रहा है। लेकिन, अब इंदौर शहर से एक ऐसा मामला सामने आया है जहाँ प्रशासन ने पहले इस नियम को लागू किया था, जिससे आदेश का मज़ाक उड़ाया जा रहा है। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई भी की है।

प्रदेश के उज्जैन शहर में सबसे पहले हेलमेट नियम लागू किया था और बिना हेलमेट पेट्रोल न देने का आदेश दिया था, लेकिन अब उसी शहर में हेलमेट की जगह जुगाड़ से पंप पर पेट्रोल भरने का मामला सामने आया है। 

दरअसल, इंदौर के नेमावर रोड स्थित एक पेट्रोल पंप पर लापरवाही का एक वीडियो वायरल हुआ है। यहाँ एक दूध सप्लायर हेलमेट की बजाय दूध के कार्टन का ढक्कन सिर पर रखकर पंप से पेट्रोल भरवाता दिखाई दिया। खास बात यह रही कि पंप पर कार्यरत महिला कर्मचारी ने बिना किसी आपत्ति के बाइक में पेट्रोल भर दिया।

घटना का वीडियो सामने आया, जो कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह वीडियो जिला प्रशासन तक भी पहुँचा, जिसके बाद घटना की पुष्टि हुई। जाँच में वीडियो सही पाए जाने पर प्रशासन ने पेट्रोल पंप के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसे सील कर दिया है।

वायरल वीडियो में देखा गया कि एक व्यक्ति, बाइक में पेट्रोल भरवाने आया था, लेकिन उसके पास हेलमेट नहीं था। इस पर बाइक सवार ने वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए बाइक के पीछे बंधे दूध के कंटेनर का ढक्कन हटाकर अपने सिर पर रख लिया। 

सोशल मीडिया पर इस गंभीर लापरवाही से जुड़ा वायरल वीडियो नेमावर रोड स्थित उद्योग नगर स्थित भारत पेट्रोलियम द्वारा अधिकृत पेट्रोल पंप कुमुदी एंटरप्राइज का है।

कलेक्टर के आदेश पर सहायक आपूर्ति अधिकारी एस.एस. व्यास और इंदौर के पूर्व तहसीलदार शिवशंकर जारोलिया पेट्रोल पंप पर पहुँचे और निरीक्षण किया। पंप पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जाँच से पता चला कि वायरल वीडियो असली है। घटना 2 अगस्त की बताई जा रही है। 

जब इस मामले में पंप कर्मचारियों से पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि संबंधित व्यक्ति ने बीमार होने का दावा करते हुए पेट्रोल माँगा था। हालाँकि, मौके पर कोई मेडिकल सर्टिफिकेट या दस्तावेज़ नहीं दिए गए या दिखाए नहीं गए, न ही कर्मचारी उस व्यक्ति से किसी भी तरह के दस्तावेज़ों की जाँच करते देखे गए।