रिटायरमेंट के चार माह पहले केंद्र को भेजा आईएफएस अधिकारी होतगी की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव


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स्टोरी हाइलाइट्स

होतगी 13 जनवरी 2011 से 26 जनवरी 2013 तक 754 दिन तक बिना किसी सूचना के कत्र्तव्य से अनधिकृत रुप से अनुपस्थित रहे थे..!!

भोपाल: मप्र सरकार ने भारतीय वन सेवा के वर्ष 1994 बैच के अधिकारी विश्वनाथ एस होतगी की सेवानिवृत्ति के चार माह पहले उन्हें समय पूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव को भेजने की स्वीकृति राज्य के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने दी है। होतगी का रिटायरमेंट 2 नवम्बर 2025 को होना है।

दरअसल होतगी 13 जनवरी 2011 से 26 जनवरी 2013 तक 754 दिन तक बिना किसी सूचना के कत्र्तव्य से अनधिकृत रुप से अनुपस्थित रहे थे। वे 23 नवम्बर 2013 से 10 जून 2014 तक निलम्बित भी रहे। उन्हें अनियमितता बरतने पर 28 दिसम्बर 2012 को डीएएफओ भिण्ड से अनुदेशक रेंजर्स कालेज बालाघाट पदस्थ किया गया था परन्तु उन्होंने वहां ज्वाईनिंग नहीं दी थी। 

उन्हें 2 सितम्बर 2024 को वेतन के समयमान में निचले स्तर के दो चरणों तक की कटौति की शास्ति और आगे 30 अक्टूबर 2025 तक कोई वेतनवृध्दि न देने के दण्ड सें दण्डित किया गया था। लम्बे समय से उन्हें पदोन्नति भी नहीं दी गई। वे वन मुख्यालय भोपाल में एचआरडी शाखा में पदस्थ हैं परन्तु कोई कार्य नहीं करते हैं। इसीलिये उन्हें अब अनिवार्य सेवानिवृत्त करने का निर्णय लिया गया है तथा इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है क्योंकि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी के बारे में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार केंद्र के पास ही है।