भोपाल: मप्र के वन विभाग के एक रेंजर को सेवानिवृत्ति उपरान्त उसे देय संपूर्ण पेंशन रोकर दण्डित किया गया है। दरअसल आरपी शुक्ला वन परिक्षेत्र बरगी उत्पादन में अपने निलम्बन 1 अगस्त 2006 तक पदस्थ थे। इस दौरान शुक्ला ने आरक्षित वनक्षेत्र के 497 सागौन वृक्ष, राजस्व क्षेत्र के 454 सागौन वृक्ष और निजी भूमि के 200 वृक्ष, कुल 1151 सागौन वृक्षों का विदोहन किया गया जबकि काश्तकारों का पंजीयन उत्पादन हेतु नहीं था और उन्हें टीपी जारी की गई।
लोकायुक्त ने इस मामले में प्रकरण दर्ज कर 7 जुलाई 2006 को विशेष न्यायालय जबलपुर में चालान पेश किया तथा विशेष न्यायालय ने आरपी शुक्ला को एक साल के कारावास एवं 10 हजार रुपये के जुर्माने से दण्डित किया। 4 मार्च 2013 को हाईकोर्ट ने शुक्ला को जमानत देकर उसकी सजा स्थगित रखी। शुक्ला 31 अगस्त 2021 को सेवानिवृत्त हो गये।
चूंकि सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के अनुसार, सिर्फ सजा पर स्थगन होने लेकिन दोषसिद्दी पर रोक नहीं होने पर दण्डित करने का प्रावधान है, इसलिये अब वन विभाग ने उक्त रिटायर्ड रेंजर को दोष सिद्दी पर हाईकोर्ट की कोई रोक न होने पर, उसकी सम्पूर्ण पेंशन स्थाई रुप से रोकने के दण्ड से दण्डित किया है।