कवि और लेखक दिनेश मालवीय को व्यंग्य श्री सम्मान, शिव संकल्प साहित्य परिषद


स्टोरी हाइलाइट्स

नर्मदापुरम (होशंगाबाद)। एक शाम गुरुजनों के नाम कार्यक्रम के तहत शनिवार को शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर संत, शिक्षक, समाजसेवियों.....

नर्मदापुरम (होशंगाबाद)। एक शाम गुरुजनों के नाम कार्यक्रम के तहत शनिवार को शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर संत, शिक्षक, समाजसेवियों और साहित्यकारों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में दिनेश मालवीय अश्क सहित कलमकारों का सम्मान किया गया। यह आयोजन शिव संकल्प साहित्य परिषद द्वारा हाउसिंग बोर्ड स्थित नर्मदा हायर सेकंडरी स्कूल के सभागृह में किया गया। इस मौके पर श्री मालवीय सहित कवियों ने अपनी रचनाओं से स्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। दिनेश मालवीय अश्क की कविता नर्मदा जल को पानी कहें पर श्रोताओं की खूब तालियां मिली। Dinesh Malviya कार्यक्रम का शुभारंभ परिषद के संस्थापक पं गिरि मोहन गुरु द्वारा लिखित काव्यमय संक्षिप्त शिवपुराण के लोकापर्ण से हुआ। इस मौके पर समारोह में मौजूद कवियों ने अपनी काव्य रचना जिनमें गीत, गजल, कविताओं की रोचक प्रस्तुति दी। अतिथि के रूप में पं अजय दुबे, शास्त्री नित्य गोपाल कटारे, विशेष अतिथि दिनेश मालवीय अश्क, डॉ आशुतोष शर्मा, साहित्यकार राजेंद्र सहारिया, कीर्त प्रदीप वर्मा, किशोर नाविक आदि मौजूद थे। काव्य पाठ के दौरान कीर्ति वर्मा की रचना सावधान रहोगे तो नहीं आएगी तीसरी लहर खूब पसंद की गई। राजेंद्र सहारिया का वर्षा गीत व रामकिशोर नाविक के गीत इसका उधार, उसका उधार, किस-किस का उधार' को भी काफी सराहना मिली। इसके अलावा अन्य अनेक कवियों ने भी काव्य पाठ किए। कार्यक्रम के दूसरे चरण में परिषद के द्वारा डॉ आशुतोष शर्मा को शिक्षा सिंधु, दिनेश मालवीय अश्क को व्यंग्य श्री, राजकुमारी चौकसे को समाजसेवा सुरभि, विमल कुमार राकेश को शिक्षा गौरव, पुष्पा यादव क्रीड़ा कुसुम, साजिद सिरोंजवी को गजल गौरव, कैलाश चंद्र दुबे को व्यंग्य विभूति, छबीराज राज को छंद श्री, संगीता मेसरा संगीत सुमन, रंजना दीक्षित शिक्षा गौरव, प्रभा यादव और, हेमलता रमन को शिक्षा ज्योति, नकुल कुमान को शिक्षा सौरभ, अंजना चौबे कर्मनिष्ठ, परमेश्वरी चौधरी को शिक्षा किरन, बक्तावर खान को क्रीड़ा कुसुम, और राजेंद्र चौहान को व्यंग्य श्री, और रामेश्वर पटेल समाज सुमन की उपाधियां प्रदान करते हुए शाल श्रीफल और मोमेंटो से सम्मान किया गया। संचालन शास्त्री कटारे ने तथा आभार प्रदर्शन पंडित गुरू ने किया।