प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय चीन के दौरे पर हैं। पूरी दुनिया की नज़रें चीन में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन पर हैं। PM मोदी ने चीन के तियानजिन में रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाक़ात की।
पीएम मोदी चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) शिखर सम्मेलन स्थल पहुँचे। पीएम ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ भी खुलकर बातचीत की।
पीएम मोदी, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एससीओ के मंच पर एक साथ नज़र आए। तीनों नेताओं ने एक-दूसरे से गर्मजोशी से मुलाकात की। तीनों देशों के बीच त्रिपक्षीय कूटनीति देखने को मिली। इन तस्वीरों में एक बड़ी शक्ति एक साथ नज़र आई।
प्रधानमंत्री एससीओ नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, भारत रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है। हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है। मैं आप सभी को भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ। उन्होंने कहा कि संप्रभुता की अनदेखी करने वाली कनेक्टिविटी विश्वास और अर्थ खो देती है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का हमेशा से मानना रहा है कि मजबूत कनेक्टिविटी न केवल व्यापार को बढ़ावा देती है बल्कि विकास और विश्वास के द्वार भी खोलती है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसी पहलों पर काम कर रहे हैं। इससे हमें अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
अपने संबोधन के दौरान, पीएम मोदी ने SCO की एक नई परिभाषा दी। उन्होंने कहा कि SCO के सदस्य के रूप में भारत ने बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है। एससीओ के प्रति भारत का दृष्टिकोण और नीति तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित है: सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अवसर।
SCO के सदस्यों के सत्र में पीएम मोदी ने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद से पीड़ित है। हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा। मैं उस मित्र देश का आभार व्यक्त करता हूँ जो इस दुख की घड़ी में हमारे साथ खड़ा रहा।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेकर खुशी हो रही है। मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हमारे भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। आज उज्बेकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है, मैं उन्हें भी बधाई देता हूँ।
तियानजिन में एससीओ सदस्य सत्र में अपने उद्घाटन भाषण में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि 24 साल पहले अपनी स्थापना के बाद से, एससीओ ने शंघाई भावना को स्थापित किया है, जो आपसी विश्वास, पारस्परिक लाभ, समानता, परामर्श, संस्कृतियों की विविधता के सम्मान और साझा विकास की खोज पर आधारित है।
उन्होंने आगे कहा कि हम अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य विश्वास-निर्माण तंत्र स्थापित करने वाले पहले देश थे, जिसने हमारी विशाल सीमाओं को मित्रता, आपसी विश्वास और सहयोग के बंधन में बदल दिया। हम आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की तीन शक्तियों के खिलाफ बहुपक्षीय कार्रवाई करने वाले पहले देश थे। हमने कानून प्रवर्तन और सुरक्षा सहयोग को निरंतर बढ़ावा दिया है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक बड़ी घोषणा की। चीनी राष्ट्रपति ने इस वर्ष शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों को 281 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान की घोषणा की। माना जा रहा है कि यह सहायता सदस्य देशों की आर्थिक और विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए होगी।
इससे पहले रविवार 31 अगस्त को चीन के तियानजिन शहर में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसी सिलसिले में आज यानी सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई।