मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का मंगलवार 29 जुलाई को दूसरा दिन है। सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। सदन में प्रश्नकाल चल रहा है, सरकार अनुपूरक बजट भी पेश करेगी।
सीएम मोहन यादव ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारी सरकार ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जिन विभागों में कोर्ट स्टे नहीं है, वहाँ यह आरक्षण पहले ही दिया जा चुका है। जहाँ मामला कोर्ट में लंबित है, वहाँ भी हम लिखित रूप से कोर्ट में 27% आरक्षण का समर्थन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और सामान्य वर्ग के लिए 10% आरक्षण के साथ सरकार की मंशा भी उतनी ही संवेदनशील है।
वहीं विधानसभा के बाहर कांग्रेस विधायकों ने बीन बजा कर विरोध प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार सो रही है इसलिए जगाने के लिए बीन बजाई। कांग्रेस के इस बयान पर सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष नाटक नौटंकी न करें, सदन की गंभीरता और गरिमा का ध्यान रखे।
तो वहीं प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सदन में कांग्रेस के विरोध पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आज नागपंचमी पर भैंसे लाए, कल गिरगिट लाए। आप लोग चुने हुए प्रतिनिधि हैं, आपको अपनी गरिमा बनाए रखनी चाहिए।
इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार नहीं है और हर बार उन्हें टालने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को जंगल की ज़मीन से जबरन बेदखल किया जा रहा है। किसान, युवा और महिलाएं कई समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार सिर्फ़ इसकी ब्रांडिंग करने में लगी है।
उन्होंने कहा, "बजट में युवाओं के लिए रोज़गार, किसानों के लिए खाद, सड़क और बिजली का प्रावधान होना चाहिए था, लेकिन बजट में सिर्फ़ मलाईदार वर्गों को ही प्राथमिकता दी जा रही है।" सड़क व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह तो चले गए, लेकिन सड़कें अब भी उसी बदहाल स्थिति में हैं।
सत्र में प्रश्नकाल के दौरान विधायक चंदा गौर ने छतरपुर में 15 साल से फरार आरोपी और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आरोपी आशा दीक्षित के खिलाफ पुलिस लाइन में मामला दर्ज है, लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस संबंध में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि आरोपी पर 8 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। चंदा गौर ने तंज कसते हुए कहा कि अगर पुलिस खुद उसे पकड़ ले, तो हम इनाम की राशि पुलिस को दे देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर आरोपियों को बचा रही है।
विधायक छाया मोरे ने खंडवा जिला कोर्ट को इंदौर हाईकोर्ट बेंच से जोड़ने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में खंडवा न्यायालय जबलपुर उच्च न्यायालय के अंतर्गत आता है, जो 477 किलोमीटर दूर है, जबकि इंदौर पीठ केवल 130 किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा कि जिला न्यायालय को इंदौर पीठ से जोड़ने से नागरिकों को न्याय मिलने में आसानी होगी। इस मांग का पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधायक कमलनाथ ने भी समर्थन किया और मुख्यमंत्री से इस पर ध्यान देने का अनुरोध किया गया। मंत्री ने कहा कि इस संबंध में जानकारी एकत्र की जाएगी।
विधायक नीना वर्मा ने धार और बड़वानी जिलों में डूब प्रभावितों को आवंटित भूखंडों की पंजीयन प्रक्रिया में देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पात्र हितग्राहियों को जल्द से जल्द मालिकाना हक मिलना चाहिए। इस संबंध में मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि अब तक आठ भूखंड पत्र दिए जा चुके हैं। सरकार इन भूखंडों को "भूमि स्वामी मित्र योजना" के तहत पंजीकृत करने की तैयारी कर रही है।
भाजपा विधायक अर्चना चिटनीस ने बुरहानपुर की सहकारी कॉटन मिल के कर्मचारियों को वेतन न मिलने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के वेतन के लिए एक समय सीमा तय की जानी चाहिए। इस संबंध में मंत्री चैतन्य काश्यप ने जवाब दिया कि मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति गठित की गई है। कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है। इस संबंध में विधायक चिटनीस ने सदन को बताया कि दो पीढ़ियों से भुगतान का इंतजार है। इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हमारी सरकार कर्मचारी-केंद्रित सरकार है।
मंगलवार 29 जुलाई को सदन में प्रश्नकाल में केवल महिला विधायकों के प्रश्न लिए गए। विधायक अनुभा मुजारे ने कैलेंडर वितरण को लेकर प्रश्न पूछा। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना की मोमबत्तियाँ वितरित नहीं की गईं। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने अपने जवाब में स्वीकार किया कि कुछ जगहों पर कैलेंडर वितरित नहीं किए गए। इस मामले में कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अनुभा मुंजारे ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि एक लाख 64 हज़ार कैलेंडर वितरित नहीं किए गए, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।