नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि राज्य सरकार हरित ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभा रही है और निवेशकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य है कि देश की 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताएं नवकरणीय स्रोतों से पूरी हों। राज्य सरकार इसी दिशा में सक्रियता से प्रयासरत है। मंत्री शुक्ला कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के सहयोग से "क्लाइमेट पार्लियामेंट" संबंधी राउंड टेबल मीटिंग को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। रीजनल कॉन्क्लेव और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे आयोजनों से निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है और सरकार इस दिशा में तेज़ी से कार्य कर रही है।
मंत्री शुक्ला ने कहा कि राज्य की प्रमुख सौर ऊर्जा परियोजनाओं में रीवा सोलर पॉवर प्लांट, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट, नीमच सोलर पॉवर जैसे प्रोजेक्ट न केवल प्रदेश के विकास में सहायक हैं, बल्कि रेलवे और मेट्रो जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं को सस्ती बिजली उपलब्ध करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश में सबसे किफायती दरों पर बिजली उत्पादन करने वाले अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। मंत्री शुक्ला ने अपील की कि हरित ऊर्जा और जल जीवन मिशन जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में सक्रिय योगदान दें।
बैठक में विधायक एवं संयोजक, क्लाइमेट पार्लियामेंट श्रीमती रीति पाठक, डॉ. शशि सिंह (कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय) एवं संजय कुमार (मुख्य नीति सलाहकार, क्लाइमेट पार्लियामेंट) विभिन्न ऊर्जा विशेषज्ञों एवं अन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
राउण्ड टेबल मीटिंग में मिले सुझाव..
ऊर्जा दक्ष भवनों को बढ़ावा देने के लिए ईसीबीसी का अनिवार्य क्रियान्वयन, एनजेएडईबी के लिए प्रोत्साहन और नगरीय संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान करना। ऊर्जा-कुशल भवन परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रोत्साहन स्वरूप रियल एस्टेट डेवलपर्स को अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) की अनुमति देना।
पीएम-कुसुम योजना की प्रक्रियाओं को सरल बनाकर किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करना। सौर ऊर्जा उत्पादकों द्वारा अधिकतम सौर उत्पादन के समय उत्पन्न अतिरिक्त सौर बिजली के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, मांग प्रतिक्रिया उपायों और खुले अभिगम उपभोक्ताओं को समूह बिक्री की सुविधा प्रदान करने के लिए उचित प्रावधान करने के सुझाव मिले।
फास्ट ईवी चार्जिंग अवसंरचना के लिए स्थान चिन्हित कर, निजी निवेश हेतु नीति प्रोत्साहन देना। एमएसएमई इकाइयों में ऊर्जा दक्ष मोटरों को बढ़ावा देने हेतु वित्तीय सहायता एवं ऊर्जा ऑडिट की व्यवस्था करना के भी सुझाव राउण्ड टेबल मीटिंग में मिले। डॉ. संजय कुमार वर्मा, राज्य टीम लीडर, क्लाइमेट पार्लियामेंट, म.प्र ने सभी का आभार माना।