बफर में सफर पर रोडमैप तैयार करने में जुटा जंगल महकमा -गणेश पाण्डेय


स्टोरी हाइलाइट्स

Bhopal. In order to make the wildlife lovers happy and to connect the local people with employment, the officials of the forest department are preparing

10000 लोगों को रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य
-गणेश पाण्डेय
ganesh pandey भोपाल. वन्यजीव प्रेमियों को खुश करने और स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए वन विभाग के अधिकारी पर्यटन बोर्ड के सहयोग से 'बफर में सफर' योजना का रोड मैप तैयार कर रहे है . इसमें 10,000 स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. रोड मैप तैयार करने से पहले गत दिनों खजुराहो में 3 दिन तक वर्कशॉप किया गया , इसमें उड़ीसा महाराष्ट्र कर्नाटक उत्तराखंड सहित 8 राज्यों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया. 'बफर में सफर मंथन' स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने पर फोकस रखा गया. नेशनल पार्क और सेंचुरी के आसपास रह रहे स्थानीय लोगों आई कड़वाहट को दूर करने के लिए यह मंथन मील का पत्थर साबित होगी. मंथन पर चर्चा करते हुए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी जसवीर सिंह चौहान बताते हैं कि हम एक रोड में तैयार कर रहे हैं , जिसमें किसी प्रकार का कन्फ्यूजन नहीं रहेगा . यानी बफर एरिया में क्या करना है, क्या नहीं करना है ?
मंथन में कई महत्वपूर्ण आईडिया सामने आए हैं. मंथन के दौरान स्थानीय आदिवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए विशेष कार्य योजना बनाने का निर्णय लिया गया. मसलन , मंथन में होमस्टे , मचान और जंगल कैंप शुरू करने की आइडियाज दिए गए. इसके अलावा सैलानियों को आकर्षित करने के लिए कंस्ट्रक्शन आइडियाज आज भी सामने आए.

Buffer mein safar newspuran
बफर में सफर' स्कीम के तहत टूरिज्म का होगा. मंथन के दौरान बफर में सफर के लिए 3 दर्जन से अधिक स्थान चिन्हित कर उन्हें विकसित करने का निर्णय लिया गया. इनमें कान्हा नेशनल पार्क में सिझोरा, खापा और खटिया के अलावा हरसा गेट, अकोला गेट को विकसित किया जाएगा. बांधवगढ़ में धमाखरा, और मानपुर, पेंच में रुखड़, खवासा, खूब पानी, घाट कोहका को भी विकसित किया जा रहा है. वन मंत्री विजय शाह के मुताबिक वनों के जरिए टूरिज्म को बढ़ाने के तमाम उपाय किए जाएंगे.

*टूरिस्ट सर्किट किए जाएंगे विकसित

पर्यटन को बढ़ाने के लिए अलग-अलग टूरिज्म सर्किट विकसित करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव तैयार कर भेज दिए गए हैं. सरकार की कोशिश है कि अगले 3 सालों में इन्हे तैयार कर लिया जाए. इनमें अमरकंटक रामायण सर्किट, तीर्थंकर सर्किट, ओमकार सर्किट, नर्मदा परिक्रमा, रूरल सर्किट और ट्राईबल सर्किट शामिल है. 

इन सर्किट्स के जरिए धार्मिक और प्राकृतिक क्षेत्रों को टूरिज्म से जोड़ा जाएगा. इन स्थानों पर सर्विस उपलब्ध कराने वाले 20 हजार सर्विस प्रोवाइडर्स का कौशल उन्नयन भी सरकार कराने जा रही है. इस साल 10 हजार सर्विस प्रोवाइडर्स का कौशल उन्नयन किए जाने का लक्ष्य रखा गया है.