कैबिनेट में दोबारा आयेगा पचमढ़ी अभयारण्य के डिनोटिफिकेशन का प्रस्ताव


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स्टोरी हाइलाइट्स

दो माह पूर्व 6 मई को कैबिनेट ने पचमढ़ी नगर की नजूल भूमि को अभयारण्य की सीमा से पृथक किये जाने का निर्णय लिया था जिससे पचमढ़ी नगर का नजूल क्षेत्र जिसका रकबा 395.931 हेक्टेयर है, जो साडा के प्रशासनिक नियंत्रण में है..!!

भोपाल: मप्र के नर्मदापुरम जिले के कलेक्टर की गफलत के कारण पचमढ़ी अभयारण्य के डिनोटिफिकेशन का प्रस्ताव दोबारा कैबिनेट में आयेगा। दरअसल, दो माह पूर्व 6 मई को कैबिनेट ने पचमढ़ी नगर की नजूल भूमि को अभयारण्य की सीमा से पृथक किये जाने का निर्णय लिया था जिससे पचमढ़ी नगर का नजूल क्षेत्र जिसका रकबा 395.931 हेक्टेयर है, जो साडा के प्रशासनिक नियंत्रण में है, को पचमढी अभयारण्य की सीमा से बाहर किया गया। 

कैबिनेट के निर्णय के बाद जब इसे राजपत्र में अधिसूचित करने की कार्यवाही प्रारंभ की गई तो कलेक्टर नर्मदापुरम ने सूचना दी कि कैबिनेट में जो प्रस्ताव पारित किया गया उसमें कुछ खसरों एवं रकबों के आंकड़े त्रुटिपूर्ण है। इससे राजपत्र में प्रकाशन रोक दिया गया। लम्बी अवधि बाद कलेक्टर नर्मदापुरम ने आंकड़ों में सुधार कर पुन: प्रस्ताव भेजा है जिस पर अब राज्य शासन इसे पुन: कैबिनेट में प्रस्तुत करेगा।